मौसमी एलर्जी से बचकर रहें, पड़ सकता है दिमाग पर असर
ABP News Bureau | 10 Aug 2016 09:51 AM (IST)
एक स्टडी में यह बात सामने आई है कि तेज बुखार जैसी मौसमी बीमारियां और एलर्जी दिमाग की प्रतिरोधक कोशिकाओं के साथ-साथ तंत्रिका तंत्र के ऊतकों को काफी धीमा कर देती हैं. सूखी खांसी के साथ आने वाले इस एलर्जिक बुखार के कारण कफ के साथ तेज खांसी, लाल आंखें, छीकें, सांस लेने में तकलीफ आदि परेशानियां होती हैं. WHO की रिपोर्ट के अनुसार दुनियाभर में 10 से 30 प्रतिशत लोग इस एलर्जिक बुखार से प्रभावित होते हैं. एलर्जिक रिएक्शन के दौरान तन्त्रिका कोशिकाओं में वृद्धि होती है और यह शरीर का वही भाग होता है जो नई स्मृतियों को बनाने के लिए जिम्मेदार होता है. साथ ही ये स्मृतियां जीवन भर के लिए बन जाती हैं. यहां एक बड़ी बात ये सामने आती है कि मेमोरी में बदलाव का कारण एलर्जी होती है. साथ ही इस प्रकार की एलर्जी दिमाग में भी कई तरह के बदलावों को भी ला सकती हैं. हम ये तो जानते ही हैं कि जब एलर्जी रिएक्शन बैक्टीरिया इंफेक्शrन के तौर पर होता है तो बॉडी में प्रतिरोधक क्षमता अलग तरीके से प्रतिक्रिया करती है. शोधकर्ताओं के मुताबिक, शरीर में प्रतिरक्षा प्रतिक्रिया किस तरह की है, इसी पर मस्तिष्क पर प्रभाव क्या पड़ेगा ये निर्भर करता है. न्यूरोजेनेसिस में वृद्धि का कारण, नर्वस सिस्टम की वृद्धि और विकास सभी एलर्जी का रिएक्शन है. ये रिसर्च जनरल फ्रंटियर्स इन सेल्लुलर न्यूसरोसाइंस में प्रकाशित हुई थी.