Yearender 2016 : सालभर इन बीमारियों ने खूब रूलाया!
2016 यूं तो आपके लिए काफी दिलचस्प रहा होगा लेकिन हेल्थ के मामले में शायद आप ऐसा ना कह सकें. दरअसल, 2016 में ना सिर्फ सीजनल बीमारियों ने लोगों को खूब रूलाया बल्कि इस साल मच्छरजनित कई बीमारियों ने महामारी का रूप ले लिया. आज हम आपको कुछ ऐसी ही बीमारियों के बारे में बताने जा रहे हैं जिन्होंने सालभर लोगों को तड़पाया.
पॉल्यूशन ने भी खूब रूलाया- दीवाली के बाद अचानक हवा में जहरीली गैस दिखाई देने लगी. इस साल पॉल्यूशन ने पिछले कई सालों का रिकॉर्ड तक तोड़ दिया. अचानक पॉल्यूशन बढ़ने से लोगों को सांस लेने में दिक्कत होने लगी. एलर्जी, अस्थमा, ब्रोंकाइटिस, निमोनिया जैसी समस्याएं लोगों को होने लगीं. और तो और एयर प्यूरिफायर मास्क तक की कमी बाजारों में हो गईं. इस साल पॉल्यूशन के वजह से देश के लोगों ने खूब सफर किया.
बर्ड फ्लू- देश में लोग पहले ही चिकनगुनिया, डेंगू और मलेरिया की मार झेल रहे थे और अक्टूबर के अंत तक बर्ड फ्लू का खतरा भी मंडराने लगा. देश की राजधानी में ही कई पक्षी अचानक से मरने लगे. दिल्ली, मध्य प्रदेश, राजस्थान, ग्वालियर, हरियाणा, हिसार और भोपाल में लगातार पक्षियों की हो रही मौत से अचानक हाई अलर्ट तक जारी हो गया. हालांकि बाद में स्थिति संभली और एक्सपर्ट ने जानकारी दी कि इंसानों के लिए ये बर्ड फ्लू खतरनाक नहीं है.
जीका- सालभर दुनियाभर में जीका का प्रकोप रहा. कुछ देशों में इसके प्रकोप से खूब मौतें भी हुईं तो कुछ में प्रेग्नेंसी महिलाओं को और उनके नवजात शिशु को इफेक्ट किया. वहीं अक्तूबर में डब्ल्यूएचओ ने जीका के पूरे एशिया में फैलने की संभावना जताई. विश्व स्वास्थ्य संगठन के अनुसार, दुनियाभर के 70 देशों में इस मच्छर जनित विषाणु की पहचान की गई है.
मलेरिया- इस साल देशभर सहित देश की राजधानी दिल्ली में भी मलेरिया ने अपने खूब पैर पसारे. मलेरिया की वजह से दिल्ली में ही 20 सितंबर तक 6 लोगों की मौत और 525 मामले सामने आए थे. देशभर में चिकनगुनिया और डेंगू के बाद मलेरिया का भी खूब प्रकोप रहा.
डेंगू- चिकनगुनिया की ही तरह डेंगू का कहर भी इस साल जारी रहा डेंगू. साउथ दिल्ली म्यूनिसिपल कॉरपोरेशन (SDMC) ने 28 नवंबर को एक रिपोर्ट जारी कि जिसके मुताबिक, 26 नवंबर तक 4,200 डेंगू के मामले अब तक दर्ज किए जा चुके हैं. इतना ही नहीं, पिछले साल 15,867 डेंगू के मामलों में 7,283 अक्तूबर में दर्ज किए गए थे. इस साल अक्तूबर में सबसे ज्यादा केस थे. इस साल कम से कम 21 मौतें अलग-अलग अस्पतालों में डेंगू की वजह से हुईं. इनमें से 9 एम्स में ही हुईं.
चिकनगुनिया- यूं तो चिकनगुनिया कोई नई बीमारी नहीं है लेकिन इस साल चिकनगुनिया ने महामारी जैसा रूप ले लिया. चिकनगुनिया का प्रकोप इतना ज्यादा था कि लोग इसके नाम से ही कांपने लगे थे. एडिस मच्छर के काटने से होने वाली इस बीमारी ने इस साल ना सिर्फ हड्डी तोड़ बुखार दिया बल्कि इससे कई लोगों की जानें भी गईं. साउथ दिल्ली म्यूनिसिपल कॉरपोरेशन (SDMC) ने 28 नवंबर को एक रिपोर्ट जारी कीजिसके मुताबिक, 26 नवंबर 2016 तक 11,915 चिकनगुनिया के मामले दर्ज हुए जिसमें से 9,525 को कन्फर्म कर दिया गया कि चिकनगुनिया ही है.