खुशखबरी! जा सकते हैं रियो ओलंपिक, नहीं होगा जीका वायरस
एजेंसी | 09 Jun 2016 07:46 AM (IST)
ब्राजील के खेल मंत्री लियोनाडरे पिक्क्आिनी ने जीका वायरस के खतरे को लेकर जताई जा रही सभी चिंताओं को खारिज किया है. पिक्किआनी ने कहा कि एथलीट और मेहमान सुरक्षित महसूस करते हुए ओलम्पिक में हिस्सा लेने रियो पहुंच सकते हैं, क्योंकि इस वायरस के खिलाफ सभी जरूरी उपाए कर लिए गए हैं. समाचार एजेंसी तास के अनुसार, खेल मंत्री ने कहा, "मैं आश्वस्त हूं कि ब्राजील को जीका वायरस के कारण किसी भी प्रकार की परेशानी का सामना नहीं करना पड़ेगा और हम रियो डी जेनेरियो आने वाले सभी खिलाड़ियों और लोगों से कह सकते हैं कि वे सुरक्षित महसूस करते हुए ओलम्पिक के लिए रियो आएं." पिक्किआनी ने यह भी आशा जताई कि अगस्त तक जीका वायरस संक्रमण के मामले बिल्कुल समाप्त हो जाएंगे. रियो ओलम्पिक का आयोजन 5 से 21 अगस्त तक होगा. खेल मंत्री ने कहा, "अप्रैल में रियो डी जेनेरियो में जीका वायरस के चार हजार मामले दर्ज किए गए, जबकि मई में ये घटकर 700 पर आ गए. हमें आशा है कि जून में भी इन मामलों में गिरावट होगी और अगस्त तक ये समाप्त हो जाएंगे." विश्व स्वास्थ्य संगठन (डब्ल्यूएचओ) ने एक फरवरी को जीका वायरस को वैश्विक स्वास्थ्य आपात स्थिति घोषित किया था. ब्राजील में इसके 100,000 से भी अधिक मामले सामने आ चुके हैं. इन मामलों को देखते हुए डब्ल्यूएचओ ने लोगों से मच्छरों से बचने का आग्रह किया, लेकिन रियो ओलम्पिक खेलों को रद्द करने की बात नहीं कही. पिक्किआनी ने कहा, "जीका वायरस से निपटने के लिए इसके खिलाफ ब्राजीलियाई सरकार द्वारा अपनाए गए सभी उपायों को डब्ल्यूएचओ ने मान्यता दी है." खेल मंत्री ने कहा, "ब्राजील ने लोगों को इस वायरस के खतरे के बारे में जागरूक करने के लिए एक अभियान की शुरुआत की." उन्होंने इस बात पर भी जोर डाला कि रियो ने पिछले साल में 40 से भी अधिक प्रतियोगिताओं का आयोजन किया है और इनमें से किसी में जीका वायरस से संबंधित घटनाएं नहीं हुईं. युगांडा के जंगलों में 1947 में जीका वायरस के खतरे के बारे में पता चला था. पिछले साल मई से ही ब्राजील में इस वायरस ने पैर पसारने शुरू कर दिए थे और यह दक्षिण और उत्तर अमेरिका के कई देशों में पहुंच चुका है. वर्तमान में एशिया, अफ्रीका, दक्षिण और उत्तर अमेरिका और प्रशांत क्षेत्र में इस वायरस के मामले पाए गए हैं. स्वास्थय विशेषज्ञों ने गर्भवती महिलाओं पर इस वायरस के संक्रमण के प्रति चिंता जताई है, जिनके अजन्मे शिशुओं में मस्तिष्क संबंधी बीमारियां होने का खतरा होता है.