लैटिन अमेरिका में जीका के भय से गर्भपात की मांग बढ़ी
एजेंसी | 24 Jun 2016 06:08 AM (IST)
लैटिन अमेरिका में जीका वायरस की आशंका के कारण गर्भपात कराने की मांग करने वाली महिलाओं की संख्या में व्यापक वृद्धि दर्ज की गई. एक नए शोध में इसका खुलासा हुआ है. एडीज एजेप्टिी मच्छर के काटने से फैलने वाला जीका वायरस गर्भ में पह रहे शिशु के लिए कई हानिकारक विकारों का कारण होता है. यह शिशु में आंखों और मस्तिष्क से संबंधित कई रोग जैसे माइक्रोसेफेली पैदा करता है. बीबीसी ने गुरुवार को बताया कि अनुमान के मुताबिक, ब्राजील में गर्भपात के अनुरोधों की संख्या दोगुनी हो गई है और अन्य देशों में इस संख्या में एक तिहाई की वृद्धि देखी गई. कई देशों की सरकारों ने महिलाओं को जीका के जोखिमों के कारण गर्भावस्था से परहेज करने की सलाह दी है, क्योंकि जीका संक्रमित महिला की संतान छोटे मस्तिष्क के साथ जन्म ले रही है. इस अवस्था को माइक्रोसेफेली कहा जाता है. जीका को लेकर पैन अमेरिकन हेल्थ ऑर्गेनाइजेशन द्वारा 17 नवंबर 2015 को जारी चेतावनी से पहले शोधार्थी पिछले पांच सालों से इंटरनेट पर हजारों महिलाओं के अनुरोधों को आकलन कर रहे हैं. शोधार्थियों द्वारा 17 नवंबर, 2015 से 1 मार्च 2016 के बीच गर्भपात के अनुरोधों की संख्या का भी आकलन किया जा रहा है. इस आकलन से पता चला कि जिन देशों ने महिलाओं को गर्भावस्था के लिए सलाह दी थी. वहां गर्भपात के अधिक अनुरोध दर्ज हुए. ब्राजील, वेनेजुएला और इक्वाडोर में गर्भपात के लिए उम्मीद से दोगुने अनुरोध देखे गए. वहीं, जिन देशों ने गर्भावस्था के खिलाफ महिलाओं को सलाह नहीं दी थी, वहां ऐसे अनुरोध बहुत कम दर्ज किए गए. यूनिवर्सिटी ऑफ कैम्ब्रिज से कैथरीन एकिन ने बताया, स्वास्थ्य अधिकारियों को जीका से जुड़े जोखिमों के प्रति महिलाओं को केवल चेतावनी देना पर्याप्त नहीं है. महिलाओं को सुरक्षित, कानूनी, और सुलभ प्रजनन विकल्प भी उपलब्ध कराने चाहिए. यह शोध 'न्यू इंग्लैंड जर्नल ऑफ मेडिसिन' पत्रिका में प्रकाशित हुआ है.