World Population Day: दुनिया में आज यानि कि 11 जुलाई को विश्व जनसंख्या दिवस मनाया जाता है. साल 2025 तक भारत की अनुमानित आबादी 1.46 अरब लोगों के साथ सबसे ज्यादा आबादी वाला देश बना रहेगा. हालांकि देश में कुल प्रजनन दर 2.1 से घटकर 1.9 तक पहुंच गई है. वहीं पूरे देश की जनसंख्या की अगर बात की जाए तो यह दिन-ब-दिन बढ़ती जा रही है. वहीं कुछ देशों में भी प्रजनन दर में बढ़ोतरी देखने को मिल रही है. भले ही बढ़ती हुई जनसंख्या की वजह से आर्थिक विकास और प्रगति के तमाम रास्ते खुलते हैं, लेकिन यह भी सच है कि इसकी वजह से प्राकृतिक संसाधनों पर दबाव भी बढ़ता जा रहा है. बढ़ती हुई जनसंख्या एक तरह से दो-धारी तलवार की तरह है. चलिए जान लेते हैं कि दुनिया में आखिर किस धर्म की आबादी तेजी से बढ़ रही है.
दुनिया में किस धर्म के कितने लोग
दुनिया में आज की तारीख में धर्म के नाम पर संघर्ष और क्राइम बढ़ चुके हैं. चलिए तो ग्लोबल स्केल पर धर्म और आबादी के बारे में थोड़ा समझ लेते हैं. दुनिया में सबसे ज्यादा आबादी इस वक्त ईसाई धर्म की है. ईसाई धर्म 28.3% है. इसके बाद आते हैं मुस्लिम, जो कि 25.6%, नास्तिक 24.2%, हिंदू 14.9%, बौद्ध 4.1% अन्य 2.2%, यहूदी 0.2% हैं. प्यू रिसर्च सेंटर की रिपोर्ट की मानें तो 2010 से 2020 के बीच दुनिया में ईसाई धर्म की आबादी तो सबसे ज्यादा है, लेकिन पहले के मुकाबले तेजी से घटी है. वहीं सबसे तेजी से मुस्लिम आबादी में बढ़ोतरी हो रही है, इसके बाद नास्तिकों की संख्या बढ़ रही है.
किस धर्म का आंकड़ा तेजी से बढ़ा
मुसलमान आबादी की बात करें तो पिछले 10 साल में इनका आंकड़ा तेजी से ऊपर की ओर बढ़ा है. साल 2010 में इनकी आबादी 23.9% थी, लेकिन 2020 तक 25.6% हो गई है. मुस्लिमों की आबादी में +1.7 का अंतर दिख रहा है. अब सवाल यह है कि आखिर इस्लाम धर्म में आबादी इतनी तेजी से कैसे बढ़ रही है. अब आबादी के लिहाज से देखा जाए तो इस्लाम दुनिया का दूसरा सबसे बड़ा धर्म है. मुस्लिमों में तेजी से जनसंख्या बढ़ने के दो कारण हैं, पहला है हाई फर्टिलिटी रेट और दूसरा है दूसरी सबसे बड़ी युवा आबादी.
मुसलमानों में कितना है फर्टिलिटी रेट
प्यू रिसर्च सेंटर की रिपोर्ट की मानें तो मुस्लिमों में फर्टिलिटी रेट 3.1 है, जो कि किसी भी धार्मिक समुदाय से ज्यादा है. दुनिया में औसतन मुस्लिम महिलाओं के तीन से ज्यादा बच्चे हैं, जैसे जैसे ये बढ़ रहे हैं वो अपने समुदाय में और ज्यादा जनसंख्या बढ़ाते जा रहे हैं. रिपोर्ट कहती है कि मुस्लिमों की कुल आबादी में से 14 साल की उम्र के 33% लोग हैं. ये तबका अगले पांच से 10 साल में दुनिया में आर्थिक सहयोग करेगा और फिर शादी के करके और ज्यादा आबादी बढ़ाएगा.
2030 तक अमेरिका में बढ़ेगा मुस्लिम माइग्रेशन
अब आप समझिए कि इस्लाम धर्म में आबादी इतनी तेजी से बढ़ रही है कि अमेरिका जैसे देश जहां पर एक समय में मुस्लिम नहीं हुआ करते थे, वहां पर भी उनकी संख्या बढ़ती जा रही है और इसकी वजह है माइग्रेशन. मुस्लिम बड़ी तादात में दूसरे देशों में जा रहे हैं. प्यू रिसर्च की 2010 की एक रिपोर्ट कहती है कि साल 2030 तक अमेरिका जैसे देश में मुसलमानों की आबादी 62 लाख तक हो सकती है. वहीं साल 2050 तक वहां पर 81 लाख मुस्लिम लोग हो सकते हैं.
भारत में क्या हैं हालात
प्यू रिसर्च की 2020 की रिपोर्ट कहती है कि भारत में 140 करोड़ लोगों में 111 करोड़ हिंदू धर्म को मानते हैं. यहां पर मुस्लिमों की आबादी 21.3 करोड़ के आसपास है. लेकिन यहां पर भी हिंदुओं के मुकाबले मुसलमानों की संख्या तेजी से बढ़ी है. 2010 से 2020 के बीच में हिंदुओं की संख्या जहां 12% बढ़ी तो वहीं मुस्लिमों की 20% तक हो चुकी है. 2010 में 99.4 करोड़ हिंदू थे, जो कि 2020 में बढ़कर 111 करोड़ हो गए. वहीं मुस्लिम 2010 में 17.7 करोड़ थे, जो कि 2020 में 21.3 करोड़ हो चुके हैं. इसके अलावा भारत में भी नास्तिकों की संख्या बढ़ती जा रही है. पिछले 10 सालों में इनकी संख्या 67% बढ़ गई है.
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