Heart Shape Origin: लाल दिल को प्रेम का प्रतीक माना जाता है. इसका इस्तेमाल ग्रीटिंग कार्ड, इमोजी और सोशल मीडिया पर अलग-अलग तरीकों से किया जाता है. लेकिन दिलचस्प बात यह है कि यह लाल दिल असली मानव दिल से बिल्कुल अलग है. जहां यह इमोजी वाला लाल दिल खूबसूरत और दिखने में काफी आसान नजर आता है वही असली मानव हृदय काफी ज्यादा जटिल और शरीर का एक मुख्य अंग है. आज हम जानेंगे कि लाल दिल का इस्तेमाल प्रेम को दर्शाने के लिए क्यों किया जाता है और मानव हृदय वास्तव में कैसा होता है.

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असली मानव हृदय 

एक ओर तो इमोजी वाला लाल दिल काफी खूबसूरत नजर आता है वहीं दूसरी ओर मानव हृदय एक शक्तिशाली और मुट्ठी के आकार का अंग है. यह छाती के थोड़े बाईं ओर की तरफ स्थित होता है. मानव हृदय एक पंप के रूप में काम करता है जिसका काम पूरे शरीर में रक्त संचार करना है. आपको बता दें कि इंसान का दिल कई कक्षों में विभाजित होता है और इसमें कई वाल्व होती हैं. इन वाल्व का काम रक्त को सही दिशा में प्रवाहित करना होता है. यह मुड़ता और सिकुड़ता रहता है. इसी के साथ यह ऑक्सीजन युक्त खून को शरीर के हर हिस्से में पहुंचाता है और साथ ही शुद्धिकरण के लिए ऑक्सीजन रहित खून को वापस लौट आता है.

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इसी के साथ यह शरीर की जरूरत के मुताबिक लगातार ढलता रहता है. उदाहरण के तौर पर व्यायाम के दौरान इसकी गति बढ़ जाती है और आराम के दौरान यह खुद को धीमा कर लेता है. यह दिखने में इमोजी वाले लाल दिल से बिल्कुल अलग है. 

इमोजी वाले दिल की उत्पत्ति 

दरअसल यह वाला दिल असलियत में प्रकृति से ही आया है. सदियों पहले की बात है प्राचीन ग्रीस में सिल्फियम नाम का एक पौधा था. इसके बीच का इस्तेमाल गर्भनिरोधक के तौर पर किया जाता था. आपको बता दें कि इतिहासकार हेरोडोटस ने अपनी पुस्तक हिस्टोरिया में इस पौधे और इसके बीच के बारे में जानकारी दी है. इस पौधे के बीज का आकार इमोजी वाले दिल के जैसा ही था. बस तभी से यह आकार, प्रेम, इच्छा और स्नेह से जुड़ता चला गया. जैसे-जैसे यह बीज रोमांस और प्रेम से जुड़ा, लोगों ने इसे गहनों, कलाकृतियों और अलग-अलग चीजों पर उकेरना शुरू कर दिया. समय के साथ-साथ यह आकार प्रेम और स्नेह का एक प्रतीक बन गया.

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