आजकल हर घर में गर्मी से राहत पाने के लिए एसी लगाया जाता है. चाहे घर हो, ऑफिस हो या दुकान, हर जगह एसी का यूज आम हो गया है. लेकिन क्या आप जानते हैं कि एसी की क्षमता को टन में ही क्यों मापा जाता है. इस टन के कारण कई बार ऐसा लगता है जैसे हम किसी भारी चीज की बात कर रहे हैं, जबकि एसी तो दीवार पर लगने वाली एक इलेक्ट्रॉनिक मशीन है. साथ ही एक और सवाल लोगों के मन में आता है कि 1 टन का एसी कितनी बिजली खपत करता है. अगर आप एसी खरीदने की सोच रहे हैं या पहले से यूज कर रहे हैं, तो यह सब जानना आपके लिए काफी जरूरी है. तो चलिए जानते हैं कि एसी की कैपेसिटी को टन में ही क्यों मापा जाती है और 1 टन का एसी कितनी बिजली खाता है. 

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एसी की कैपेसिटी को टन में ही क्यों मापा जाता है?

बहुत साल पहले जब एसी नहीं होते थे, तब गर्मी से राहत पाने के लिए लोग बर्फ का यूज करते थे. बर्फ से कमरे को ठंडा रखा जाता था. उस समय यह देखा गया कि 1 टन बर्फ 24 घंटे में जितनी ठंडक देती है, अगर कोई मशीन वही काम करे तो उसकी क्षमता को भी उसी माप में यानी टन में मापा जाए. इसलिए जब एसी बनाए गए, तो उनकी क्षमता को बर्फ से तुलना करते हुए टन में मापना शुरू किया गया. एसी में टन का यूज यह बताने के लिए किया जाता है कि यह एसी 1 घंटे में, एक कमरे से कितनी गर्मी को निकाल सकता है. इसी के आधार पर AC यूनिट्स को टन में मापा जाता है. एसी में टन का मतलब कूलिंग कैपेसिटी यानी ठंडा करने की क्षमता से है. 1 टन का एसी इतनी कूलिंग देता है कि वो 1 घंटे में 1 टन (यानी 1000 किलो) बर्फ को पिघलने से रोक सके. एसी की क्षमता को एक और इकाई में भी मापा जाता है, जिसे BTU कहते हैं. 

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1 टन का एसी कितनी बिजली खाता है?

1 टन के एयर कंडीशनर  की बिजली खपत कई बातों पर निर्भर करती है. जिसमें सबसे पहले यह देखा जाता है कि एसी इनवर्टर टेक्नोलॉजी वाला है या नॉन-इनवर्टर. इनवर्टर एसी आमतौर पर कम बिजली खपत करता है क्योंकि इसका कंप्रेसर जरूरत के हिसाब से तेज या धीमा होता है, जबकि नॉन-इनवर्टर एसी लगातार एक जैसी पावर पर चलता है.  इसके अलावा एसी की स्टार रेटिंग भी अहम भूमिका निभाती है, जितनी ज्यादा स्टार रेटिंग होगी, उतनी ही कम बिजली की खपत होगी. इसके अलावा, कमरे में धूप का असर, इन्सुलेशन, दरवाजे, खिड़कियों की स्थिति और अंदर मौजूद लोगों की संख्या भी एसी की खपत को प्रभावित करते हैं. ऐसे में  1 टन का 1 स्टार एसी हर घंटे औसत 1.2 से 1.4 यूनिट तक बिजली खर्च करता है, जबकि 3 स्टार एसी यही काम 0.9 से 1.1 यूनिट में कर सकता है. वहीं 5 स्टार एसी में यह खपत और भी कम होकर 0.7 से 0.9 यूनिट तक आ जाती है. 

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