Red Carpet: अभी हाल ही में कांस फिल्म फेस्टिवल का आयोजन हुआ था. इस फेस्टिवल के मौके पर रेड कार्पेट पर दिखने वाली बॉलीवुड-हॉलीवुड की एक्ट्रेसेस ने अपने जलवे बिखेरे. यह जगह आमतौर पर खास लोगों के लिए तैयार की गई थी. जब-जब विशेष अतिथियों का स्वागत किया जाता है, वहां रेड कार्पेट बिछाया जाता है. रेड कार्पेट हमेशा से खास व्यक्तियों के साथ जुड़ा रहा है. ऐसा क्यों है? यहां तक की जब किसी देश से मंत्री या कोई अतिथि भारत की राजनयिक यात्रा पर आता है तो उसके स्वागत में भी रेड कार्पेट बिछाया गया होता है. उस कार्पेट का कलर काला, पीला या नीला भी तो हो सकता है? लेकिन ऐसा नहीं होता. आज की स्टोरी में इसके पीछे का इतिहास जानेंगे. 


क्या है इसका इतिहास?


इसका इतिहास यूनानी नाटक अगामेमनॉन से जुड़ा है. यहां इस रंग का आयोजन किया जाता है जो हमेशा से खास लोगों के लिए संरचित रहा है. बीबीसी के एक आर्टिकल में लंदन के विक्टोरिया और अल्बर्ट म्यूजियम की क्यूरेटर सॉनेट स्टैनफिल कहती हैं कि रेड कारपेट को राजा-महाराजों से जोड़कर देखा जाता रहा है. रेड कार्पेट से जुड़ी घटना मिलती है, जो इसे खास बनाती है. 1821 में अमेरिकी राष्ट्रपति जेम्स मनरो, जब कैलिफ़ोर्निया के जॉर्जटाउन शहर पहुंचे थे, तो उनके स्वागत में रेड कारपेट बिछाया गया था.


एकेडमी अवॉर्ड्स समारोह में भी होता है इस्तेमाल


1922 में रॉबिन हुड फिल्म के प्रीमियर के लिए इजिप्शियन थिएटर के सामने एक लंबा सुर्ख़ कालीन बिछाया गया था. इसके बाद से सितारों का खास परेड हुआ था, जो काफी पसंद किया गया. 1961 में पहली बार एकेडमी अवॉर्ड्स समारोह में रेड कार्पेट का इस्तेमाल किया गया, और इसे खास बनाया गया. इसी तरह यह धीरे-धीरे खास लोगों के लिए सम्मानित हुआ और आज कॉमन हो गया है.


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