Indian Subcontinent: दक्षिण एशिया में स्थित भारत देश अपनी समृद्ध संस्कृति, शानदार इतिहास और जीवंत परंपराओं के लिए काफी ज्यादा मशहूर है. भौगोलिक तरीके से भारत में काफी अलग-अलग चीजें हैं. जैसे उत्तर में हिमालय पर्वत, बड़े मैदान, गहरी नदियां, रेगिस्तान, घने जंगल और दक्षिण में हिंद महासागर के किनारे लंबा समुद्र तट. भारत का भूभाग बड़ा तो है ही साथ ही यह एशिया के बाकी हिस्सों से भी अलग है. इसी विशेषता की वजह से इस उपमहाद्वीप के रूप में भी जाना जाता है. आइए जानते हैं भारत को वास्तव में उपमहाद्वीप क्यों कहते हैं.
उपमहाद्वीप क्या है
सबसे पहले तो हमें यह समझना होगा कि उपमहाद्वीप किसे कहते हैं. दरअसल उपमहाद्वीप एक बड़े और अलग-थलग भूभाग को कहा जाता है. जो एक महाद्वीप का हिस्सा होता है लेकिन पहाड़ों या फिर समुद्र जैसी प्रमुख भौगोलिक विशेषताओं की वजह से उससे अलग होते हैं. उपमहाद्वीप अक्सर न सिर्फ भूगोल में बल्कि भूविज्ञान, संस्कृति और इतिहास में भी अलग होते हैं. यह उन्हें एक महाद्वीप के भीतर अलग-अलग क्षेत्र के रूप में पहचान योग्य बनाते हैं.
उपमहाद्वीप की खासियत
उपमहाद्वीप में ऊंचे पहाड़ या फिर आसपास के समुद्र जैसे प्राकृतिक अवरोध होते हैं जो क्षेत्र को पूरी तरह से अलग करते हैं. इसी के साथ कुछ मामलों में उपमहाद्वीप अपनी अलग टेक्टोनिक प्लेट पर स्थित होते हैं या फिर महाद्वीप के बाकी हिस्सों से अलग भू वैज्ञानिक विशेषताएं होती हैं.
एक उपमहाद्वीप के अंदर आने वाले देशों में एक जैसी ऐतिहासिक, सांस्कृतिक और राजनीतिक विशेषताएं होती हैं. यह विविधता के बावजूद भी क्षेत्र को एक पहचान देती हैं.
भारत उपमहाद्वीप क्यों है
भारत एक बड़ा त्रिभुजाकार प्रायद्वीप है और यह अरब सागर, बंगाल की खाड़ी और हिंद महासागर से घिरा हुआ है. उत्तर में हिमालय एक बड़ी प्राकृतिक बाधा के रूप में काम करता है जो इस जगह को एशिया के बाकी हिस्सों से अलग करता है. इसी के साथ भारत अपनी खुद के टेक्टोनिक प्लेट पर स्थित है जिसे इंडियन प्लेट के नाम से जाना जाता है. यह प्लेट कभी प्राचीन सुपरकॉन्टिनेंट गोंडवाना से अलग हो गई थी. लाखों सालों में यह प्लेट उत्तर की ओर बढ़ी और यूरेशिया प्लेट से टकराई जिस वजह से हिमालय का निर्माण हुआ.
इसके अलावा भारत के विशाल आकार और अलगाव ने संस्कृतियों, भाषाओं और धर्मों में असाधारण विविधता को काफी ज्यादा बढ़ावा दिया है और यह पूरे महाद्वीप के बराबर है. यह उपमहाद्वीप सैकड़ो भाषाओं, कई जातीय समूह और कई धर्मों का जन्म स्थान है.
यह भी पढ़ें: पृथ्वी के इस हिस्से में दूर-दूर तक नहीं है जमीन, इंसानी दुनिया से ज्यादा अंतरिक्ष है करीब