अगर आपने कभी पहाड़ पर चढ़ाई की है, तो आपने महसूस किया होगा कि कुछ ही देर में सांस फूलने लगती है, पैरों में भारीपन आ जाता है और शरीर थकान से जवाब देने लगता है. लेकिन हैरानी की बात यह है कि वहीं पहाड़ी इलाके में रहने वाले लोग बड़े आराम से पहाड़ों पर ऊपर-नीचे चलते रहते हैं. सवाल उठता है कि आखिर ऐसा क्यों होता है? क्या उनके शरीर में कोई खास ताकत होती है या फिर यह सब उनकी जीवनशैली का असर है? आइए जानते हैं.
आम इंसान पहाड़ चढ़ते हुए क्यों थक जाता है?
दरअसल, इसका जवाब हमारे शरीर की ऑक्सीजन लेने की क्षमता में छिपा है. समुद्र तल से जितनी ऊंचाई पर हम जाते हैं, हवा में ऑक्सीजन की मात्रा उतनी ही कम होती जाती है. जब कोई सामान्य व्यक्ति, जो मैदानी इलाके में रहता है, अचानक पहाड़ पर जाता है, तो उसके शरीर को पर्याप्त ऑक्सीजन नहीं मिल पाती है. इसका सीधा असर सांस लेने और ऊर्जा पर पड़ता है, जिससे शरीर जल्दी थकने लगता है.
पहाड़ पर रहने वालों को क्यों नहीं महसूस होती थकान
वहीं दूसरी ओर, पहाड़ी लोग बचपन से ही ऐसे वातावरण में रहते हैं जहां हवा में ऑक्सीजन कम होती है. उनका शरीर इस माहौल के अनुकूल ढल चुका होता है. उनके फेफड़े बड़े और मजबूत होते हैं, जिससे वे कम ऑक्सीजन में भी ज्यादा ऊर्जा बना पाते हैं. वैज्ञानिकों के मुताबिक पहाड़ी लोगों के खून में हीमोग्लोबिन की मात्रा भी ज्यादा होती है, जो शरीर के हर हिस्से तक ऑक्सीजन पहुंचाने में मदद करता है. यही वजह है कि उन्हें चढ़ाई के दौरान थकान महसूस नहीं होती है.
जीवनशैली का बड़ा फर्क
मैदानी इलाकों में रहने वाले लोग और पहाड़ी लोगों की जीवनशैली और खानपान भी काफी फर्क डालता है. पहाड़ी लोग रोजमर्रा के कामों में ही बहुत शारीरिक मेहनत करते हैं, पैदल चलना, लकड़ियां ढोना, पानी लाना, खेती करना आदि. इससे उनका शरीर लगातार एक्टिव रहता है और उनकी स्टैमिना सामान्य लोगों से कई गुना ज्यादा होती है. साथ ही वे पौष्टिक और प्राकृतिक आहार लेते हैं, जिससे उनके शरीर में ऊर्जा का स्तर बना रहता है.
आम इंसान कैसे हो सकता है उस माहौल का आदी
मैदानी इलाकों के लोगों के मुकाबले पहाड़ी लोग दुबले-पतले और मजबूत होते हैं, जिससे उनके शरीर को कम ऊर्जा में भी बेहतर प्रदर्शन करने में मदद मिलती है. यही कारण है कि जब कोई बाहरी व्यक्ति पहाड़ पर जाता है, तो उसे ऑक्सीजन की कमी और ऊर्जा खर्च का दोहरा असर झेलना पड़ता है. रिपोर्ट्स बताती हैं कि अगर कोई आम इंसान भी धीरे-धीरे ऊंचाई की आदत डाल ले, नियमित व्यायाम करे और अपने शरीर को ट्रेन करे, तो कुछ समय में वह भी कम थकान महसूस कर सकता है.
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