भारत को कभी सोने की चिड़िया कहा जाता था, लेकिन समय-समय पर भारत में कई विदेशी आक्रांताओं ने हमला किया और संपत्तियों को लूटा. भारत में सबसे ज्यादा लंबे समय तक राज मुगलों ने किया. इतिहास को देखें तो मुगलों ने भारत पर करीब 300 साल तक राज किया. इसके बाद अंग्रेजों का शासन आया और भारत 200 साल तक ब्रिटिश हुकूमत का गुलाम रहा. 

अब सवाल यह है कि क्या अंग्रेजों की तरह मुगल भी भारत छोड़कर गए थे. भारत पर मुगलों का शासन कैसे खत्म हुआ और दिल्ली पर आखिरी बार राज करने वाला मुगल बादशाह कौन था? चलिए जानते हैं इन सवालों के जवाब... 

क्या भारत छोड़कर गए थे मुगल?

भारत ने अपनी आजादी के लिए लंबी लड़ाई लड़ी है. कभी विदेशी आक्रांताओं तो कभी मुगलों से और फिर अंग्रेजों से. अंग्रेजों का शासन तो 15 अगस्त 1947 को खत्म हुआ, जब अंग्रेज भारत छोड़कर गए, लेकिन क्या कभी मुगल भारत छोड़कर गए? इतिहास को देखें तो मुगल कभी भारत की संपत्ति को लूटकर बाहर नहीं ले गए, उन्होंने भारत में ही राज किया. मुगलों के शासन का पतन मराठाओं से संघर्ष से शुरू हुआ और अंग्रेजों के खिलाफ लड़ते हुए उनका शासन पूरी तरह खत्म हो गया. 

किसने किया था आखिरी बार दिल्ली पर शासन

अंग्रेजी हुकूमत भारत में तब आई, जब यहां मुगलों का शासन हुआ करता था. ईस्ट इंडिया कंपनी ने धीरे-धीरे भारत में अपनी जड़ें मजबूत करीं और धीरे-धीरे कब्जा किया. भारत का इतिहास उठाकर देखेंगे तो अंग्रेजों के खिलाफ कई स्वाधीनता आंदोलन हुए, जिसमें 1857 की क्रांति का विशेष उल्लेख है. मई 1857 में ब्रिटिश साम्राज्य के खिलाफ आजादी की पहली लड़ाई शुरू हुई थी. इस लड़ाई का नेतृत्व अंतिम मुगल बादशाह बहादुर शाह जफर द्वितीय ने किया था. इस लड़ाई में 14 सितंबर को ब्रिटिश फौजों की जीत हुई थी, जिसके बाद 17 सितंबर को बहादुर शाह जफर को लाल किला छोड़ना पड़ा था. बहादुर शाह जफर ने अपने तीन बेटों के साथ हुमायूं के मकबरे में पनाह ली थी, हालांकि अंग्रेजों ने 20 सितंबर को वहां से उन्हें गिरफ्तार कर लिया, जिसके बाद उन्हें रंगून भेज दिया गया, यहीं बहादुर शाह जफर की मृत्यु हो गई थी. इस तरह दिल्ली पर अंग्रेजों का कब्जा हुआ. 

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