क्रिकेट, भारत में सिर्फ एक खेल नहीं, बल्कि एक जज्बा है हर किसी की भावनाओं से जुड़ा एक जुनून है. हमारे क्रिकेटर मैदान पर उतरते ही अपनी पूरी जान देश को जिताने में लगा देते हैं लेकिन जब वो बीमार पड़ते हैं या चोटिल होते हैं तो उनके स्वास्थ्य की देखभाल की जिम्मेदारी कौन लेता है? चलिए इस सवाल का जवाब जानने की कोशिश करते हैं. कौन उठाता है खिलाड़ियों के इलाज का खर्च
खिलाड़ी का स्तर, उनकी बीमारी की गंभीरता और वह किस टूर्नामेंट या टीम के लिए खेल रहे हैं. अंतरराष्ट्रीय और घरेलू क्रिकेट की बात करें तो भारतीय क्रिकेट कंट्रोल बोर्ड (BCCI) का रोल सबसे अहम है. BCCI भारत की सबसे धनी खेल संस्थाओं में से एक है और यह अपने खिलाड़ियों के स्वास्थ्य को लेकर बेहद गंभीर है. जब कोई भारतीय अंतरराष्ट्रीय क्रिकेटर बीमार होता है या चोटिल होता है तो BCCI उनकी चिकित्सा व्यवस्था का पूरा खर्च उठाता है. BCCI के पास एक मेडिकल टीम होती है, जिसमें फिजियोथेरेपिस्ट, स्पोर्ट्स मेडिसिन विशेषज्ञ और डॉक्टर शामिल होते हैं. यह टीम खिलाड़ी की स्थिति का आकलन करती है और जरूरत पड़ने पर देश या विदेश के शीर्ष अस्पतालों में इलाज की व्यवस्था करती है.
किन खिलाड़ियों की लेती है जिम्मेदारी जब बात गंभीर बीमारियों की होती है और खिलाड़ी को अगर विदेश में इलाज की जरूरत पड़ती है, तो BCCI इसका खर्च वहन करता है बशर्ते वह खिलाड़ी उनके कॉन्ट्रैक्ट में शामिल हो. इसके अलावा वह जिन खिलाड़ियों को भविष्य के लिए तैयार करती है उनकी भी पूरी जिम्मेदारी लेती है. कॉन्ट्रैक्टेड खिलाड़ियों के लिए BCCI के पास एक बीमा योजना भी है जो चिकित्सा खर्चों को कवर करती है. ऐसे में जो टीम में खेल रहे हैं और सेंट्रल कॉन्ट्रैक्ट का हिस्सा नहीं हैं ऐसे में बीसीसीआई उनके इलाज का खर्चा नहीं उठाती. इन खिलाड़ियों को केवल गंभीर मामलों में करती है मदद
हालांकि, अगर खिलाड़ी घरेलू स्तर पर खेल रहा है और BCCI के सेंट्रल कॉन्ट्रैक्ट में शामिल नहीं है, तो जिम्मेदारी संबंधित राज्य क्रिकेट संघ की होती है. लेकिन गंभीर मामलों में BCCI अक्सर सहायता प्रदान करता है.
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