History Of Traffic Signal: एक जगह से दूसरी जगह जाने के लिए हम सड़कों का इस्तेमाल.करते हैं. सड़कों पर आजकल गाड़ियों की संख्या काफी बढ़ गई है. ऐसे में सुरक्षा के लिए ट्रैफिक नियमों का पालन करना बेहद जरूरी होता है. आपने सड़क पर चलते हुए कई तरह के ट्रैफिक साइन देखे होंगे, इसके अलावा ट्रैफिक सिग्नल लाइट भी देखी होगी. क्या आप जानते हैं ट्रैफिक सिग्नल का आविष्कार किसने किया था? 


ट्रैफिक लाइट का आविष्कार किसने किया?


ट्रैफिक लाइट का आविष्कार रेलवे के लिए किया गया था. रेल यातायात को नियंत्रित करने के लिए ब्रिटिश रेलवे प्रबंधक जॉन पीक नाइट ने एक रेलमार्ग पद्धति अपनाने का सुझाव दिया. ऐसे में रेलवे सिग्नलिंग इंजीनियर जेपी नाइट ने पहले ट्रैफिक सिग्नल का आविष्कार किया था.


ऐसे होता था इस्तेमाल


रेलमार्गों पर सेमाफोर प्रणाली उपयोग की, जिसमें एक खंभे से फैले छोटे बोर्ड से ट्रेन के गुजरने का संकेत दिया जाता था. दिन में "रुको" और "जाओ" का सिग्नल दिया जाता था, जबकि रात में लाल और हरी रोशनी का इस्तेमाल करके यह सिग्नल दिया जाता था, जिसे रोशन करने के लिए गैस लैंप का इस्तेमाल किया जाता था. इन लैंपों को ऑपरेट करने के लिए हर खंभे पर पुलिसवाले तैनात किए जाते थे.


दुनिया का पहला ट्रैफिक सिग्नल


दुनिया का पहला ट्रैफिक सिग्नल लंदन के वेस्टमिंस्टर क्षेत्र में ब्रिज स्ट्रीट और ग्रेट जॉर्ज स्ट्रीट के चौराहे पर संसद भवन और वेस्टमिंस्टर ब्रिज के पास दिसंबर 1868 को स्थापित किया गया था. यह दिखने में तब ने रेलवे सिग्नल की तरह ही था. इसे भी रात में गैस से संचालित किया जाता था. हालांकि, एक बार दुर्भाग्य से इसमें विस्फोट हो हुआ और एक पुलिसकर्मी की मौत हो गई थी. इस दुर्घटना के बाद इस पद्धति के विकास को लेकर चर्चा बढ़ गई थी.  


ट्रैफिक लाइट की हिस्ट्री


ट्रैफिक जाम की समस्या 1800 के दशक से चली आ रही है, तब ऑटोमोबाइल का आविष्कार भी नहीं हुआ था. उस दौरान लंदन की सड़कों पर पैदल यात्रियों और घोड़े से खींची जाने वाली गाड़ियों की भीड़ लगी रहती थी. गार्जियन ने एक शोध साझा किया था, जिसके मुताबिक आधुनिक ट्रैफिक लाइट एक अमेरिकी आविष्कार है. जिसे 1914 में क्लीवलैंड में स्थापित किया गया था. वहीं, वॉल्वरहैम्प्टन ने 1926 में एक टाइम पीरियड पर काम करने वाले यानी थोड़ी-थोड़ी देर बाद बदलने वाले ऑटोमैटिक सिग्नल स्थापित किए थे.


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