भारतीय टीम की रीढ़ की हड्डी माने जाने वाले दिग्गज बल्लेबाज चेतेश्वर पुजारा ने क्रिकेट के सभी फॉर्मेट से सन्यास की घोषणा कर दी है. रविवार को उन्होंने सोशल मीडिया में एक पोस्ट के जरिए ये जानकारी दी पुजारा के इस फैसले से उनके फैंस को बड़ा धक्का लगा. चलिए जानते हैं कि संन्यास लेने से पहले क्रिकेटर्स को किसे देनी होती है सूचना, क्या है इसका नियम?

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क्या हैं नियम?

अंतरराष्ट्रीय क्रिकेट परिषद (ICC) या भारतीय क्रिकेट कंट्रोल बोर्ड (BCCI) जैसे संगठनों ने संन्यास की प्रक्रिया के लिए कोई औपचारिक नियम निर्धारित नहीं किया है. इसका मतलब है कि कोई क्रिकेटर जब चाहे रिटायरमेंट का फैसला ले सकता है. हालांकि, पेशेवर शिष्टाचार और प्रोटोकॉल के तहत, क्रिकेटर आमतौर पर अपने बोर्ड, चयन समिति, और कोचिंग स्टाफ को अपने निर्णय की सूचना देते हैं. रिटायरमेंट से पहले किसे देनी होती है सूचना?

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भारत में जब कोई क्रिकेटर क्रिकेट से संन्यास लेने का फैसला करता है, तो वह आमतौर पर BCCI के अधिकारियों जैसे अध्यक्ष, सचिव या चयन समिति के प्रमुख को सूचित करता है. यह सूचना औपचारिक पत्र, ईमेल या व्यक्तिगत मुलाकात के जरिए दी जा सकती है. हाल ही में चेतेश्वर पुजारा ने अपनी संन्यास की घोषणा से पहले BCCI के साथ चर्चा की थी. घरेलू क्रिकेट के मामले में खिलाड़ी को अपने राज्य क्रिकेट संघ और BCCI को सूचित करना होता है खासकर अगर वह रणजी ट्रॉफी जैसे टूर्नामेंट में हिस्सा ले रहा हो. यह इसलिए जरूरी है ताकि चयनकर्ता भविष्य की योजनाओं में उस खिलाड़ी को शामिल न करें.  

रिटायरमेंट के बाद बीसीसीआई देती है पेंशन

बीसीसीआई अपने रिटायर खिलाड़ियों के लिए 2004 से पेंशन योजना चला रही है. इस योजना के तहत खिलाड़ियों को उनके क्रिकेट करियर और खेले गए मैचों की संख्या के आधार पर मासिक पेंशन दी जाती है. वर्तमान में 25 या अधिक टेस्ट मैच खेलने वाले खिलाड़ियों को 70,000 रुपये मासिक पेंशन मिलती है. जबकि 25 से कम टेस्ट मैच खेलने वालों को 60,000 रुपये.  5-9 टेस्ट खेलने वाले खिलाड़ियों को 30,000 रुपये मासिक पेंशन दी जाती है.

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