अखंड भारत की मांग समय-समय पर उठती रहती है. इसमें भारत को फिर से अखंड बनाने और जो क्षेत्र ऐतिहासिक रूप से भारत का हिस्सा रहे हैं, उन्हें फिर से भारत में शामिल करने की बात होती है. हालांकि ऐसा होना फिलहाल असंभव लग रहा है, क्योंकि जब नए संसद भवन में अखंड भारत का मानचित्र लगाया गया था तो कुछ पड़ोसी देशों ने इस पर आपत्ति जताई थी. आज के समय में कई ऐसे देश हैं जो अखंड भारत का हिस्सा हुआ करते थे. आज हमें इन देशों में जाने या घूमने के लिए वीजा की जरूरत पड़ती है, लेकिन वो प्राचीन काल में वहां तक भारत फैला था.
भारत के कई इतिहासकारों ने अपनी पुस्तक ओर लेखन के जरिए अखंड भारत की अवधारणा दी है. गुप्त, अशोका और मौर्य के समय के इतिहास में भी अखंड भारत का वर्णन मिलता है. प्राचीन काल के अख़ंड भारत में कई ऐसे देश शामिल थे, जो आज के समय में अलग हैं और एक राष्ट्र का दर्जा प्राप्त किए हुए हैं.
कौन सा हिस्सा सबसे पहले अलग हुआ था
सबसे पहले हम आपको अखंड भारत में आज के देशों के बारे में बताते हैं. अखंड भारत में भारत, पाकिस्तान, अफगानिस्तान, बांग्लादेश, नेपाल, भूटान, श्रीलंका, मालदीव, म्यांमार और तिब्बत का कुछ हिस्सा शामिल था. प्राचीन भारत के संदर्भ में हम अगर बात करें तो सबसे पहले अखंड भारत से अलग होने वाला देश अफगानिस्तान है. अफगानिस्तान को प्राचीन समय में गांधार के नाम से जाना जाता था. अफगानिस्तान का क्षेत्र विशेषकर गांधार मौर्य साम्राज्य का हिस्सा था. मौर्य साम्राज्य के पतन के बाद यह क्षेत्र धीरे धीरे अखंड भारत से अलग हो गया. 18वीं सदी में अहमद शाह अब्दाली ने इसे एक आजाद देश के तौर पर बसाया.
आधुनिक भारत का बंटवारा
अगर आधुनिक भारत के संदर्भ में देखें तो 1947 में पाकिस्तान विभाजित होकर एक अलग राष्ट्र बना. इसके बाद 1971 में बांग्लादेश, जो पाकिस्तान का पूर्वी भाग हुआ करता था, उसने पाकिस्तान से अलग होकर एक नया राष्ट्र का दर्जा पाया. इस तरह, एक समय में जो अखंड भारत विशाल भूभाग में फैला था, वह अब केवल वर्तमान भारत तक सीमित रह गया है.
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