हिंदू धर्म में गायत्री मंत्र को सबसे महत्वपूर्णं और शक्तिशाली वैदिक मंत्रों में से एक माना जाता है. घर-घर में इसका दैनिक अनुष्ठानों में भी पाठ किया जाता है. शास्त्रों में ऐसी मान्यता है ति गायत्री मंत्र को समझने मात्र से ही चारों वेदों के ज्ञान की प्राप्ति होती है. यही वजह है कि वेदों का सार भी गायत्री मंत्र को माना जाता है. कहते हैं कि चारों वेदों का ज्ञान प्राप्त करके जो पुण्य फल मनुष्य को मिलता है, अकेले गायत्री मंत्र को समझने मात्र से ही चारों वेदों का ज्ञान प्राप्त हो जाता है. भारत में तो गायत्री मंत्र का पाठ किया ही जाती है, लेकिन क्या आपको पता है कि विदेशों में भी गायत्री मंत्र का पाठ होता है.
किन देशों में होता है गायत्री मंत्र का पाठ
गायत्री मंत्र का पाठ भारत में तो होता ही है, साथ ही इसका पाठ उन देशों में भी होता है, जहां पर हिंदू धर्म के लोग रहते हैं. कहते हैं कि यह मंत्र वेदों से लिया गया है. विशेष रूप से ध्यान और साधना के लिए इस मंत्र का हिंदू धर्म में जप किया जाता है. भारत के अलावा गायत्री मंत्र का जप नेपाल, मॉरीशस, बाली (इंडोनेशिया) आदि जगहों पर होता है, जहां हिंदू धर्म के लोग रहते हैं. हिंदू धर्म में इसे सबसे पवित्र मंत्रों में से एक माना जाता है. यह मंत्र त्रिसंध्या पूजा का एक हिस्सा है, जिसे बाली के हिंदुओं द्वारा दिन में तीन बार सुबह, दोपहर और शाम को पूजा जाता है.
कहां से लिया गया है गायत्री मंत्र
गायत्री मंत्र की इतनी महिमा है और यह इतना पॉपुलर है कि जब पीएम मोदी पिछले साल लाओस के दौरे पर गए थे, वहां पर भारतीय समुदाय के लोगों ने उनका स्वागत गायत्री मंत्र के जरिए ही किया था. गायत्री मंत्र को ऋगवेद से लिया गया है. यह ऋगवेद के तीसरे मंडल के 62वें सूक्त का 10वां मंत्र है. इसको सावित्री मंत्र भी कहा जाता है, क्योंकि यह सूर्य देवता को समर्पित है. इसका उल्लेख ऋगवेद के अलावा यजुर्वेद, सामवेद और अथर्ववेद में भी मिलता है, हालांकि इसका सबसे प्रमुख और प्रारंभिक उल्लेख ऋगवेद में ही है. इस मंत्र की रचना ऋषि विश्वामित्र ने की थी और यह देवी गायत्री को समर्पित है, जिनको वेदों की माता माना जाता है.
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