आज के वक्त में धर्म समुदाय और जातियों के बीच में भी दीवारें खिंच चुकी हैं. यहां तक की एक ही परिवार में चूल्हे अलग होने लगे हैं. जातियां भी एक-दूसरे से खुद को अलग ही मानती हैं. इसी तरह मुस्लिम में भी अलग-अलग जातियां होती हैं, जो कि उनके समाज के हिसाब से ऊंची और नीची होती हैं. आज हम आपको मुस्लिम समुदाय में सबसे ज्यादा रईस जाति के बारे में बताने जा रहे हैं. ये खुद को अन्य मुस्लिमों से अलग मानते हैं. चलिए इनके बारे में जानें.
कौन की जाति है सबसे रईस
मुस्लिमों में एक जाति होती है बोहरा मुस्लिम, जो कि शिया संप्रदाय के आदर्शों का पालन करती है. इस समुदाय के लोग मुख्य तौर पर व्यापार जैसे काम करते हैं और ये मुस्लिमों में सबसे रईस मानें जाते हैं. भारत की बात की जाए तो यहां पर 20 लाख से ज्यादा मुस्लिम समुदाय रहता है और इनमें करीब 15 लाख के आसपास दाऊदी बोहरा जाति है. ये शिया धर्म के आदर्शों को मानते हैं. बोहरा लोग मुख्य तौर से गुजरात के राजकोट, जामनगर, सूरत, अहमदाबाद, दाहोद के अलावा महाराष्ट्र के पुणे, मुंबई, नागपुर, राजस्थान के भीलवाड़ा, उदयपुर, मध्य प्रदेश के इंदौर, उज्जैन और शाजापुर आदि जगहों पर रहते हैं.
भारत में कहां से आए बोहरा
दाऊदी बोहरा भारत में सबसे पहले मुंबई आए थे. दरअसल ये 11वीं शताब्दी में मुस्ताली मत के धर्म प्रचारकों के जरिए भारत में आए थे. 1539 के बाद इस जाति के लोगों का समुदाय बढ़ता चला गया, तो उनका मुख्यालय यमन से भारत के सिद्धपुर में ट्रांसफर कर दिया गया. यमन और सऊदी अरब में बोहरा मुस्लिमों की संख्या सबसे ज्यादा है. ये होते तो मुस्लिम ही हैं, लेकिन आम मुस्लिम से थोड़े अलग होते हैं.
क्या काम करते हैं बोहरा
बोहराओं में सैयदना के पद पर बैठे शख्स को उनकी जाति के लोग सर्वोच्च मानते हैं. दाऊदी बोहरा के लोग पढ़े-लिखे, संपन्न और बिजनेस करने वाले माने जाते हैं. वहीं कुछ लोग किसानी का काम करते हैं. ये लोग बेहद शांत और सैम्य होते हैं. ये लोग अपनी सफाई पसंदगी और पर्यावरण रक्षा की पहलों के लिए भी जाने जाते हैं. दाऊदी बोहरा मुसलमानों की विरासत फातिमी इमामों से संबंध रखते हैं, इनको पैगंबर मोहम्मद का प्रत्यक्ष वंशज माना जाता है. ये लोग इमामों के आदेश का पालन करते हैं और सूफियों व मजारों पर बहुत विश्वास करते हैं.
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