जम्मू -कश्मीर टूरिस्ट डेस्टिनेशन और फलों की खेती के लिए जाना जाता है. यहां का सेब, अखरोट, अखरोट और बादाम, चेरी, नाशपाती, खुबानी दुनियाभर में फेमस है. जम्मू-कश्मीर के  शोपियां जिले को सेब का कटोरा कहा जाता है. इन फलों से हटकर आज हम आपको जम्मू-कश्मीर के आमों के बारें बताते हैं जो काफी फेमस हैं. 

जम्मू आमइसको शेर-ए-कश्मीर कृषि विज्ञान और प्रौद्योगिकी विश्वविद्यालय जम्मू ने विकसित किया है और इसका नाम जम्मू आम (Selection-05) कहा जाता है. इसको विशेषतौर पर जम्मू रीजन के लिए बनाया गया है. इस आम को विशेष तौर पर जम्मू रीजन के लिए विकसित किया गया है. आम की यह किस्म मानसून के आगमन से पहले पककर तैयार हो जाती है, जिससे किसानों को अच्छा बाजार मूल्य प्राप्त होता है. 

तोतापुरीदूसरे नम्बर पर तोतापुरी आम का नाम आता है. यह आम जम्मू-कश्मीर में काफी फेमस है, जम्मू- कश्मीर के अलावा बिहार में इस आम के प्रति एक अलग ही दीवानगी देखने को मिलती है. यह आम तोते जैसा दिखता है जिसके चलते इस आम का नाम तोतापुरी रखा गया. इसकी कीमत 150 रुपये से लेकर 200 रपये किलो तक होती है.

सफेदा आमयह आम जम्मू के रीजन में उगाई जाती है क्योंकि कश्मीर घाटी की जलवायु ठंडी है, वहां आम की खेती संभव नहीं है. जम्मू का sub-tropical जलवायु  इसकी मिठास को बढ़ाती है. इसे राजसी आम कहा जाता है क्योंकि इसका आकार और स्वाद दोनों ही शानदार होते हैं. जम्मू में इसकी कीमत 6000.00 रुपये क्विंटल यानी 60 रुपये या 70 रुपये प्रति किलो है.

अल्फांसो व केसर आमजम्मू में अल्फांसो व केसर आम की खेती के लिए सरकार की तरफ से 15 हजार रुपये की सब्सिडी दे रही है. अल्फांसो आम का स्वाद बेहद टेस्टी होता है और यह  500 रुपये प्रति किलो तक बिक जाता है. 

दशहरीदशहरी आम भारत की सबसे प्रसिद्ध किस्मों में से एक है. इसकी उत्पत्ति उत्तर प्रदेश के मलिहाबाद में हुई थी. इसको मीठे स्वाद के लिए जाना जाता है. इसकी खेती जम्मू के कठुआ और सांबा जिलों में होती है. इसकी कीमत 60 रुपये किलो तक होती है. 

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