अहमदाबाद में 12 जून को हुए हवाई जहाज हादसे ने सभी को हिलाकर रख दिया है. इस विमान में 242 लोग सवार से जिसमें से सिर्फ एक यात्री की जान बची है. इसके अलावा जिस बिल्डिंग से विमान टकराया वहां पर भी कई लोगों की मौत हुई है. इसे दुनिया के बड़े हादसों में से एक माना जा रहा है और अब यह कैसे हुआ है इसको लेकर भारत और विदेशी एजेंसियां जांच कर रही हैं. इस हादसे में प्लेन में सवार जो शख्स जिंदा बचा है, वो इमरजेंसी एक्जिट के पास बैठा था और उसने वहां से कूदकर अपनी जान बचाई है.
इस हादसे के बाद फ्लाइट की इमरजेंसी सीट और इस इमरजेंसी गेट को कैसे और कब खोला जा सकता है, इसको लेकर चर्चा तेज हो गई है. तो चलिए जान लेते हैं कि किसी यात्री को इमरजेंसी गेट खोलने की इजाजत कब होती है.
सुरक्षा निर्देशों को ध्यान से सुनें
जब भी हम फ्लाइट में सफर करते हैं तो सुरक्षा सबसे ज्यादा जरूरी होती है. इसलिए प्लेन में कुछ ऐसे फीचर्स होते हैं, जो कि किसी भी परिस्थिति में हमारी जान बचा सकते हैं. इसी में से एक होता है इमरजेंसी डोर, लेकिन क्या आपने कभी सोचा है कि यह इमरजेंसी डोर कब और कैसे खुलता है. इसमें सबसे पहली बात यह है कि ज्यादातर लोग गलती करते हैं कि जब फ्लाइट उड़ने से पहले सुरक्षा निर्देश दिए जा रहे होते हैं तो उनको ध्यान से नहीं सुनते हैं, जबकि वही इमरजेंसी की सिचुएशन में काम आते हैं. इन्हीं में से एक इमरजेंसी डोर को खोलने की तकनीक भी शामिल होती है.
कहां होता है इमरजेंसी एक्जिट
अब सवाल है कि आखिर इमरजेंसी गेट पर बैठे यात्री को यह एक्जिट खोलने की अनुमति कब दी जाती है. तो सबसे पहले यह जान लीजिए कि आखिर इमरजेंसी डोर कहां पर होता है. प्लेन में इमरजेंसी एग्जिट नॉर्मली दो जगहों पर होता हो. एक पंखों के पास ओवरविंग एक्जिट होता है. ये दरवाजा विंग्स के ऊपर वाली रो के पास में होता है. अगर आप एयरबस A320 या फिर बोइंग 737 जैसे आम प्लेन से यात्रा कर रहे हैं तो इमरजेंसी एक्जिट नॉर्मली 11,12 से 14 नंबर रो के पास हो सकता है. इसको एक्जिट रो सीट कहा जाता है.
कब खोला जा सकता है यह गेट
विमान विशेषज्ञों की मानें तो आपातकालीन निकासी के दौरान यात्री इमरजेंसी गेट तभी खोल सकते हैं, जब केबिन क्रू के द्वारा निर्देश दिया गया होता है. जब कोई इमरजेंसी जैसे कि दुर्घटना या आग लगने की स्थिति होती तब केबिन क्रू के निर्देश के बाद इस एक्जिट को खोला जा सकता है और इसमें एक स्लाइड बाहर निकल आती है, जिसकी सहायता से यात्री नीचे की तरफ कूद सकते हैं. इन दरवाजों वाली सीट पर बैठे लोग सेफ्टी ब्रीफिंग को ध्यान से सुनें. अपनी सीट के पास और पास के इमरजेंसी एग्जिट के बीच रो की गिनती कर लें, इससे आपको लो विजिबिलटी में भी वहां तक पहुंचने में आसानी होगी. क्रू के निर्देशों का पालन करें और ऐसी स्थिति में अपना कैरी-ऑन सामान लेने की गलती न करें, सिर्फ अपनी जान बचाएं.
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