जब एक बाइक के बदले पाकिस्तान को देना पड़ा था आधा देश, कहानी इंडियन आर्मी के उस अफसर की
Sam Manekshaw Bike Pakistan: याह्या खान ने सैम मानेकशॉ से उनकी बाइक ली थी, लेकिन उन्होंने इसकी कीमत अदा नहीं की थी. फिर कुछ ऐसा हुआ कि पड़ोसी मुल्क को अपना आधा देश देना पड़ा था.

पहलगाम आतंकी हमले के बाद भारत और पाकिस्तान के बीच एक बार फिर से दुश्मनी की लकीर गहरी हो गई है. भारत पूरी तरह से पाकिस्तान पर कार्रवाई के मूड में है. इससे पाकिस्तान थर्राया हुआ है और अनाप-शनाप बयानबाजी कर रहा है. इसी बीच आज हम आपके लिए भारत और पाकिस्तान का एक ऐसा किस्सा लेकर आए हैं जो कि एक बाइक पर आधारित है. यह किस्सा 1971 की जंग में पाकिस्तानी सेना को लीड कर रहे याह्या खान और भारतीय फौज को लीड करने वाले सैम मानेकशॉ के बीच का है.
याह्या खान और सैम मानेकशॉ एक वक्त पर अच्छे दोस्त हुआ करते थे. उसी दोस्ती के दौरान सैम मानेकशॉ से याह्या खान ने बाइक ली थी, लेकिन उन्होंने कभी भी उसकी कीमत नहीं चुकाई थी. लेकिन जब 1971 के युद्ध के बाद जब पाकिस्तान हार गया और पूर्वी पाकिस्तान यानि कि बांग्लादेश दुनिया के मानचित्र पर उभरकर सामने आया तब सैम मानेकशॉ ने उस बाइक को लेकर एक बयान दिया था.
जब याह्या खान को पसंद आ गई मानेकशॉ की बाइक
सैम मानेकशॉ और याह्या खान की दोस्ती उस वक्त की है, जब भारत और पाकिस्तान का बंटवारा नहीं हुआ था. उस वक्त ब्रिटिश इंडियन आर्मी थी और सैम मानेकशॉ और याह्या खान एक ही फौज में हुआ करते थे. सैम मानेकशॉ उस वक्त लेफ्टिनेंट कर्नल थे और याह्या खान मेजर के पद पर तैनात थे. दोनों के बीच दोस्ती अच्छी थी, याह्या खान को सैम मानेकशॉ की एक बाइक पसंद आ गई. उन्होंने सैम से कहा कि उसे उनको बेच दें. कहा जाता है कि मानेकशॉ ने 1000 रुपये में उस बाइक को याह्या खान को दे दिया था. जब दोनों देश अलग-अलग हो गए तो दोनों को अपने देश की सेना की कमान संभालनी पड़ी, लेकिन सैम मानेकशॉ को कभी उन्होंने बाइक की कीमत अदा नहीं की.
सालों के बाद भी अदा नहीं किए थे बाइक के पैसे
दोनों देशों को अलग हुए 23 साल से ज्यादा का वक्त हो चुका था, लेकिन अभी तक याह्या खान ने बाइक के वो 1000 रुपये अभी तक सैम मानेकशॉ को नहीं दिए थे. दोनों ही अपने जीवन में बहुत आगे बढ़ चुके थे. पूर्वी पाकिस्तान में याह्या खान का प्रशासन उन पर बहुत अत्याचार कर रहा था. पूर्वी पाकिस्तान के लोगों के पास वैसे अधिकार नहीं थे, जैसे कि पश्चिमी पाकिस्तानियों के पास था. ऐसे में 1971 में पूर्वी पाकिस्तान यानि बांग्लादेश को पाकिस्तान से अलग करने को लेकर जंग छिड़ गई.
आधा देश देकर चुकानी पड़ी थी बाइक की कीमत
1971 में पाकिस्तान की ओर से भारत पर हमला कर दिया गया, इसके बाद तो सैम मानेकशॉ की सेना ने पाकिस्तान को अच्छे से सबक सिखाया. तब 16 दिसंबर 1971 को एक नए देश बांग्लादेश का उदय हुआ. याह्या खान बुरी तरह हार चुके थे. बाइक की कीमत तो याह्या खान ने तब भी अदा नहीं की थी, लेकिन सैम मानेकशॉ मजाकिया अंदाज के लिए भी जाने जाते थे. 1971 की जंग के बाद एक जगह पर सैम मानेकशॉ ने अपने बयान में कहा था कि याह्या खान ने मेरी बाइक की कीमत अपना आधा देश देकर चुकाई है.
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Source: IOCL
























