India and israel relations: इजरायल और फिलिस्तीन के बीच चल रहे वॉर के बीच भले ही भारत ने खुद को न्यूट्रल रखा हो लेकिन पाकिस्तान के साथ हुए जंग में इजरायल ने हर बार भारत का खुलकर समर्थन किया है. कई मीडिया रिपोर्ट्स में यह दावा किया गया है कि 1971 के युद्ध में बिना किसी राजनयिक संबंध के इजरायल ने भारत की मदद की थी. चलिए आपको विस्तार से बताते हैं कि इजरायल ने पहली बार कब की थी भारत की मदद और पाकिस्तान से लड़ने के लिए भारत को कौन कौन से हथियार दिए थे.
1971 में पहली बार मददमीडिया रिपोर्ट्स के अनुसार, भारत और इजरायल के बीच साल 1971 में किसी भी तरह का कोई राजनयिक संबंध नहीं था फिर भी कई दावों के अनुसार इजरायल ने पाकिस्तान के खिलाफ भारत की मदद की थी. श्रीनाथ राघवन की पुस्तक '1971' में इस बात का खुलासा किया गया है. इसमें पीएन हक्सर के कुछ दस्तावेजों को आधार बनाया गया है जो कि उस समय तत्कालीन प्रधानमंत्री इंदिरा गांधी के सलाहकार थे. श्रीनाथ राघवन ने उन दस्तावेजों पर रिसर्च के बाद पाया कि इजरायल ने उस समय भारत की सहायता की थी. भारत को मिले थे हथियारराघवन की पुस्तक में बताया गया है कि जब प्रधानमंत्री इंदिरा गांधी के सामने यह प्रस्ताव रखा गया तो उन्होंने इसे स्वीकार्य कर लिया था. दस्तावेज में इस बात का जिक्र है कि इजरायल भी उस समय हथियारों की कमी से जूझ रहा था फिर भी प्रधानमंत्री गोल्डा मेयर ने ईरान को दिए जाने वाले हथियारों से भीरत की मदद की थी. नरसिम्हा राव जब देश के प्रधानमंत्री बने उसके बाद भारत और इजरायल के बीच 1992 में राजनयिक संबंध स्थापित हुए.
कारगिल वॉर में भी मददकारगिल वॉर के समय भी इजरायल ने भारत की खूब मदद की थी, उसने हेरोन और सर्चर यूएवी भारत को दिए थे जो ऊंचाई पर निगरानी करने में महारत रखते थे. इसके अलावाइजरायल ने मिलिट्री सैटेलाइट्स से भारत को पाकिस्तानी घुसपैठियों फोटोग्राफ भी मुहैया कराए थे. कारगिल की जंग में इजरायल ने बोफोर्स फील्ड गन के लिए गोलियां और हथियार मुहैया कराया था.
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