Baby In Womb: गर्भ में शिशु द्वारा सुनना, विकसित होने वाली सबसे शुरुआती इंद्रियों में से एक है. यह जन्म से पहले की बाहरी दुनिया से एक जरूरी जुड़ाव करती है. हालांकि भ्रूण लगभग 18 हफ्तों की उम्र में ध्वनियों के प्रति प्रतिक्रिया करना शुरू कर देता है. यह प्रक्रिया धीरे-धीरे होती है और गर्भावस्था के दौरान विकसित होती रहती है. शुरुआत में शिशु अपनी मां के शरीर से आने वाली आंतरिक ध्वनियों को सुनते हैं और बाद में वह बाहरी ध्वनियों को भी पहचानने लगते हैं. आइए जानते हैं शिशु में यह इंद्री कब विकसित होती है.

Continues below advertisement

दूसरे महीने के दौरान विकास 

दूसरे महीने के दौरान शिशु के चेहरे की आकृतियां, आंख और कान बनने लगते हैं. लगभग 9 हफ्तों की उम्र तक कान सिर के किनारों पर छोटे उभार के रूप में दिखाई देने लगते हैं. हालांकि शिशु में अभी भी सुनने की शक्ति नहीं आती. लेकिन यह चरण विकास की एक नींव रखता है. 

Continues below advertisement

चौथे महीने से शुरू होती है सुनने की ताकत 

चौथे महीने तक शिशु की सुनने की ताकत काम करने लगती है. इस अवस्था में शिशु आंतरिक ध्वनियों को सुनने लगता है. जैसे मां की धड़कन, रक्त प्रवाह और पाचन संबंधी ध्वनियां.

पांचवे महीने में शिशु का विकास 

पांचवें महीने में शिशु हलचलों और तेज आवाज के प्रति थोड़े सजग हो जाते हैं. उन्हें कुछ बाहर की दुनिया जैसे कुत्तों का भौंकना या फिर गहरे स्वर वाला संगीत सुनाई देने लगता है. शिशु सूक्ष्म गतिविधियों के साथ-साथ प्रतिक्रिया भी करते हैं. 

छठे महीने में होता है सुधार 

शिशु के सुनने की क्षमता में अब सुधार होने लगता है. वे अपनी मां की आवाज और दिल की धड़कन को पहचान सकते हैं. इसी के साथ में अचानक तेज आवाजों से भी चौंक जाते हैं और माता-पिता अक्सर इन प्रतिक्रियाओं को हल्की किक या स्थिति में बदलाव के रूप में महसूस कर सकते हैं. इस चरण में श्रवण स्मृति निर्माण की शुरुआत होती है.

सातवां महीना 

सातवें महीने तक शिशु के कान पूरी तरह से विकसित हो जाते हैं. अब वें बाहरी आवाज को और अधिक स्पष्ट रूप से सुन सकते हैं. इसमें बातचीत, संगीत और पर्यावरणीय शोर भी शामिल है. शिशु परिचित आवाजों पर प्रतिक्रिया देना शुरू कर देते हैं और पहचान के स्पष्ट संकेत दिखा सकते हैं.

आठवां और नौवां महीना 

इस अवधि के दौरान शिशु की सुनने की ताकत और भी विकसित हो जाती है. वें अलग-अलग आवाज और ध्वनि में अंतर करना शुरू कर देते हैं, खासकर अपनी मां की आवाज पहचाने लगते हैं. सुनने की यह सीख जन्म के बाद भी जारी रहती है, जिससे नवजात शिशु परिचित आवाजों और गर्भ में सुनाई गई भाषा को पहचानने में सक्षम हो जाते हैं.

ये भी पढ़ें: क्या कोई भी बंद करवा सकता है आपका फेसबुक अकाउंट, जानें इसके लिए कहां करनी होती है कम्प्लेन?