एक ऐसा शब्द, जिसका किताबों में अर्थ दोस्ती है, लेकिन जिंदगी में कई लोगों के लिए असहज याद बन गया. सऊदी अरब और खाड़ी देशों में काम करने वाले लाखों भारतीय और पाकिस्तानी प्रवासियों ने ‘रफीक’ शब्द को अलग-अलग भावनाओं के साथ सुना है. कभी अपनापन, कभी पहचान और कभी अपमान का एहसास. आखिर ‘रफीक’ का असली अर्थ क्या है और वक्त के साथ इसका मतलब क्यों बदल गया?

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‘रफीक’ शब्द का शाब्दिक अर्थ

‘रफीक’ अरबी भाषा का शब्द है, जिसका मूल अर्थ दोस्त, साथी, सहयोगी या साथ चलने वाला होता है. अरबी साहित्य और आम बोलचाल में यह एक सकारात्मक और सम्मानजनक शब्द माना जाता है. धार्मिक और सामाजिक संदर्भों में भी ‘रफीक’ का इस्तेमाल भरोसेमंद साथी के लिए किया जाता रहा है. यानी भाषा की दृष्टि से इसमें कोई नकारात्मक अर्थ नहीं है.

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खाड़ी देशों में प्रवासियों के लिए इस्तेमाल

सऊदी अरब और अन्य खाड़ी देशों में 1980 और 1990 के दशक के दौरान बड़ी संख्या में भारतीय, पाकिस्तानी और बांग्लादेशी लोग काम करने पहुंचे. निर्माण, सफाई, ड्राइविंग और घरेलू काम जैसे क्षेत्रों में काम कर रहे इन प्रवासियों को स्थानीय लोग अक्सर सामूहिक रूप से ‘रफीक’ कहकर बुलाने लगे. उस दौर में यह शब्द पहचान के तौर पर इस्तेमाल होने लगा, ठीक वैसे ही जैसे भारत में अनजान व्यक्ति को ‘भाई’ कह दिया जाता है.

कैसे बदला शब्द का सामाजिक मतलब

समय के साथ ‘रफीक’ शब्द का इस्तेमाल सिर्फ दोस्ती तक सीमित नहीं रहा. कई बार इसे खास तौर पर दक्षिण एशियाई मजदूरों के लिए बोला जाने लगा, जिससे यह एक वर्ग और राष्ट्रीय पहचान से जुड़ गया. इसी वजह से कई भारतीय और पाकिस्तानी प्रवासियों को यह शब्द असहज लगने लगा. उनके लिए यह दोस्ती से ज्यादा एक लेबल बन गया, जो उनकी सामाजिक हैसियत को दर्शाता था.

गलतफहमी और अपमान का भाव

हालांकि हर संदर्भ में ‘रफीक’ अपमानजनक नहीं था, लेकिन कई अनुभवों में इसका लहजा और परिस्थितियां ऐसी रहीं कि यह शब्द तंज या नीची नजर से देखने का प्रतीक बन गया. इसी कारण कुछ लोग इसकी तुलना अपमानजनक स्लैंग से करने लगे. यह विरोध शब्द के अर्थ से नहीं, बल्कि उसके इस्तेमाल के तरीके से जुड़ा था. 

बदलते सऊदी समाज और नई भाषा

पिछले कुछ वर्षों में सऊदी अरब और खाड़ी देशों में सामाजिक बदलाव तेजी से हुए हैं. शिक्षा का स्तर बढ़ा है, प्रवासी समुदाय की आर्थिक भूमिका मजबूत हुई है और व्यवहार में भी संवेदनशीलता आई है. अब सार्वजनिक तौर पर ‘रफीक’ शब्द का इस्तेमाल काफी कम हो गया है. इसकी जगह ‘सदीक’ जैसे शब्द ज्यादा सुनाई देते हैं, जिसका मतलब भी दोस्त होता है और जिसे ज्यादा सम्मानजनक माना जाता है.

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