Doomday Vault: हम सभी के घर में किसी न किसी रूप में छोटी या बड़ी तिजोरी जरूर होती है. जिसमें हम आपने कीमती सामान रखते हैं. तिजोरी का काम ही कीमती वस्तुओं को सुरक्षित रखना होता है. क्या आप जानते हैं दुनिया में डूम्सडे-वॉल्ट नाम की एक तिजोरी है, जिसे कयामत के दिन की तिजोरी भी कहा जाता है? बताया जाता है कि इसका ताला तभी खुलेगा जब दुनिया खात्मे की चौखट पर खड़ी होगी. कयामत की तिजोरी नॉर्वे में बेहद कम तापमान पर रखी है, जिसपर 100 देशों की दावेदारी है. 

जल्दी आयेगी अगली प्रलय

आखरी प्रलय आज से करीब 65 मिलियन साल पहले आई थी, जिसमें धरती से डायनासोर सहित कई अन्य जीवों की प्रजातियों का नामों-निशान मिट गया था. वैज्ञानिकों का कहना है कि छठी प्रलय भी जल्दी ही आएगी. प्रलय अपने साथ बहुत-सी प्रजातियों का खात्मा करने वाली तबाही लेकर आती है. जिसमें इंसानों सहितफंगी, पेड़-पौधे, बैक्टीरिया, सरीसृप, पक्षी और मछलियों आदि सभी के खत्म होने का खतरा रहता है. वैज्ञानिक छठी प्रलय की क्लाइमेट चेंज को बता रहे हैं. लेकिन कयामत के बाद बचे हुए लोगों को दुनिया को चलाए रखने के लिए कुछ तो चाहिए होगा. जिसमें सबसे जरूरी अनाज है. 

दुनिया के एक कोने पर क्यों है तिजोरी?

आर्कटिक सागर के पास नॉर्वे के स्पिट्सबर्गन आइलैंड पर रखे इस डूम्सडे वॉल्ट को ग्लोबल सीड वॉल्ट भी कहा जाता है. इसे दुनिया के एक कोने में बनाने की एक वजह नॉर्थ पोल का करीब होना है. इस वजह से यह जगह हमेशा काफी ठंडी रहती है और अनाज के बीज हमेशा के लिए सुरक्षित रह सकते हैं. इसे यहां बनाने की दूसरी वजह ये है, ताकि किसी भी युद्ध के कारण इसको कोई नुकसान न हो.

कोई भी देश बन सकता है हिस्सा

इस तिजोरी को फरवरी 2008 में बनाया गया था. वर्तमान में 100 देश इसमें शामिल हो चुके हैं. निर्धारित एग्रीमेंट साइन करके कोई भी देश इसमें शामिल हो सकता है. नियमों के अनुसार, एक बार बीज जमा कराने के बाद कोई देश उसे वापस नहीं मांग सकता है. बीज लेने के कुछ नियम होते हैं. जिनका पालन करना होता है. यहां ज्यादातर फसलों के बीज संरक्षित किए गए हैं. इसमें 69% अनाज, 9% फलियां और फल, सब्जियों के बीज हैं. इसमें कई औषधियों के बीज भी संरक्षित किए गए हैं. मेडिकल के लिहाज से यहां अफीम जैसे नशे के बीज भी संरक्षित किए गए हैं.

अंदर से ऐसी है कयामत के दिन वाली तिजोरी

इस तिजोरी को नॉर्वे के आइलैंड में एक पहाड़ के नीचे करीब 400 फीट गहराई पर बनी हुई है. तिजोरी तक पहुंचने के लिए सबसे पहले कंक्रीट की एक सुरंग से होकर जाना पड़ता है. जिसके बाद एक बेहद मजबूत चैंबर आता है. चैंबर में 3 तिजोरियां बनीं हुई हैं. जिनमें से प्रत्येक में करोड़ों बीज रखे जा सकते हैं. फिलहाल इसमें से एक ही वॉल्ट काम आ रहा है. 

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