भारत के कुछ राज्यों में धर्म के प्रति बेअदबी पर बिल पारित हुए हैं, लेकिन अभी लागू नहीं हुए हैं. इसी क्रम में पंजाब सरकार ने धार्मिक ग्रंथों पर बेअदबी को लेकर सख्त कानून बनाने की पहल की है, लेकिन वहां पर इसे लागू कराना पंजाब सरकार के लिए बड़ा चुनौतीपूर्णं काम है. क्योंकि वहां पर अगर यह कानून लागू होता है, तो सरकार के लिए किसी चुनौती से कम नहीं होगा, क्योंकि सभी जगहों पर सीसीटीवी कैमरे नहीं लगे हैं, इसलिए आरोपी यह कहकर बचकर निकल भी सकता है कि उसने कुछ नहीं किया है. आइए आपको दुनिया के कुछ राज्यों के बारे में बताएं जहां ऐसा करने पर बहुत कड़ी सजा है.

भारत में इस मामले में क्या है सजा

दुनिया के कई ऐसे देश हैं, जहां पर ईशनिंदा कानून लागू होता है. कुछ ऐसे देश भी हैं, जहां पर ईशनिंदा कानून के तहत मृत्युदंड तक का प्रावधान लागू होता है. इन देशों में भारत भी एक देश है, जहां पर ईशनिंदा कानून लागू होता है. भारत में ईशनिंदा के मामले में तीन साल तक की जेल या फिर जुर्माना या दोनों भी हो सकता है. वहीं कुछ ऐसे देश हैं जहां पर इस कानून के तहत मृत्यु दंड की भी सजा मिलती है.

किन देशों में सख्त है ईशनिंदा का कानून

  • पाकिस्तान में ब्लासफेमी कानून सख्त है. यह ईशनिंदा कानून है, जहां धार्मिक प्रतीकों या इस्लाम के खिलाफ बोलने पर मृत्युदंड या उम्रकैद हो सकती है.
  • सऊदी अरब में इस्लामी शरीयत के तहत पैगंबर, कुरान या इस्लाम का अपमान करने पर सार्वजनिक सजा मौत या फिर कोड़े मारने की सजा भी दी जा सकती है.
  • ईरान में शरीयत का कानून लागू होता है, इसमें अल्लाह या पवित्र चीजों की निंदा पर मौत की सजा संभव होती है. 
  • इंडोनेशिया में भी धर्म का अपमान करने पर कड़ी सजा लागू है. यहां इलेक्ट्रिक ट्रांसमिशन एक्ट वर ब्लासफेमी कानून के तहत धर्म के अपमान पर पांच साल तक जेल की सजा हो सकती है.
  • इसी तरीके से अगर मिस्त्र में धार्मिक भावनाएं आहत कीं तो आरोपी को पांच साल तक की सजा मिल सकती है.
  • मलेशिया में इस मामले में शरिया और नागरिक कानून दोनों लागू होते हैं. दोनों के तहत धर्म का अपमान करना दंडनीय है. इसमें मुस्लिम प्रतीकों के खिलाफ बोलने पर तीन से पांच साल तक की सजा हो सकती है.
  • म्यांमार में भी धर्म का अपमान करने पर सजा का प्रावधान लागू होता है. यहां बौद्ध धर्म का अपमान करने पर दो साल तक की सजा हो सकती है.
  • नाइजीरिया या उत्तरी राज्यों में ब्लासफेमी पर मौत की सजा संभव हो सकती है. 

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