सोने के दाम लगातार बढ़ रहे हैं और अब यह आम आदमी की पहुंच से बाहर होते जा रहे हैं. 24 कैरेट और 22 कैरेट सोने के गहने महंगे होने की वजह से रोजमर्रा के यूज के लिए काफी लोगों के बजट से बाहर हो गए हैं. इस स्थिति में 9 कैरेट गोल्ड यानी 37.5 प्रतिशत शुद्धता वाला सोना एक किफायती और अट्रैक्टिव ऑप्शन बनकर सामने आ रहा है. सरकार ने हाल ही में 9 कैरेट गोल्ड की हॉलमार्किंग को मंजूरी दी है, जिससे यह औपचारिक रूप से भारतीय मानक ब्यूरो (BIS) की हॉलमार्किंग सिस्टम का हिस्सा बन गया है. तो चलिए जानते हैं कि 9 कैरेट गोल्ड कैसा होता है और सरकार से हॉलमार्किंग की मंजूरी के बाद ज्वैलरी मार्केट पर क्या असर पड़ेगा.
9 कैरेट गोल्ड कैसा होता है
9 कैरेट गोल्ड में सिर्फ 37.5 प्रतिशत सोना होता है. बाकी 62.5 प्रतिशत में धातु, जैसे चांदी और तांबा, मिलकर इसे मजबूत और टिकाऊ बनाती है. यह हल्का होने के कारण रोजमर्रा पहनने के लिए भी सुरक्षित है. यह गहने देखने में महंगे लगते हैं, लेकिन कीमत में सस्ते होते हैं. युवा पीढ़ी और ट्रेंडी ज्वैलरी पसंद करने वाले लोग अब इसे अपने फैशन स्टाइल में शामिल कर रहे हैं.
हॉलमार्किंग का मतलब
हॉलमार्किंग का मतलब है कि गहनों में सोने की शुद्धता और क्वालिटी को प्रमाणित करना है. BIS के तहत संचालित हॉलमार्किंग सिस्टम उपभोक्ताओं को भरोसा देता है कि उनके गहनों में सोना मानक के अनुसार ही है. हॉलमार्किंग के जरिए हर गहने पर BIS का लोगो, सोने की शुद्धता का ग्रेड (जैसे 375) और 6 अंकों का यूनिक HUID कोड मिलता है. इससे ग्राहकों को मिलावट से बचाव और खरीदारी में पारदर्शिता मिलती है.
9 कैरेट गोल्ड हॉलमार्किंग की मंजूरी के बाद ज्वैलरी मार्केट पर क्या असर पड़ेगा
सरकार की हॉलमार्किंग मंजूरी से 9 कैरेट गोल्ड की विश्वसनीयता बढ़ी है.इसका सबसे बड़ा फायदा यह होगा कि ज्वैलरी उद्योग में नए ग्राहक अट्रैक्ट होंगे, खासकर वे जो पहली बार गोल्ड खरीद रहे हैं या रोजमर्रा पहनने के लिए हल्की और फैशनेबल ज्वैलरी चाहते हैं. इसके साथ ही निर्यात बाजार में भी यह भारतीय ज्वैलरी को कॉम्पिटिशन बनाएगा.
सोने के बढ़ते दामों के चलते युवा वर्ग हल्के और मॉडर्न गहनों को प्राथमिकता दे रहा है. छोटे और हल्के हार, पेंडेंट, ब्रेसलेट और इयररिंग्स में 9 कैरेट गोल्ड का यूज तेजी से बढ़ रहा है. यह गहने महंगे लगते हुए भी बजट फ्रेंडली होते हैं और रोजमर्रा पहनने के लिए सुरक्षित माने जाते हैं.
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