वर्षों पहले जब वैज्ञानिकों को पृथ्वी से लाखों करोड़ों प्रकाश वर्ष दूर कुछ ऐसे ग्रह दिखे, जिनके आसमान में एक नहीं बल्कि दो या उससे ज्यादा सूरज चमक रहे थे. ऐसे में उनके मन में ख़याल आया कि अगर पृथ्वी के पास भी दो सूरज होते तो फिर पृथ्वी पर इंसानों का जीवन कैसा होता. चलिए आज इस आर्टिकल में आपको इसी के बारे में विस्तार से बताते हैं.


पृथ्वी पर दो सूर्य होते तो कैसा होता?


वैज्ञानिकों के पास इसका जवाब एक उदाहरण के रूप में है. कुछ वर्षों पहले वैज्ञानिकों ने कैपलर-16बी नाम के एक ग्रह को खोजा जिसके पास दो सूर्य हैं. अब आपको लग रहा होगा कि अगर उस ग्रह के पास दो सूर्य हैं तो वहां बहुत गर्मी पड़ती होगी. लेकिन ऐसा नहीं है. दरअसल, केपलर-16बी पर तापमान शून्य से माइनस 73 डिग्री सेल्सियस रहता है.


वैज्ञानिकों का मानना है कि अगर पृथ्वी के पास भी दो सूर्य होते तो यहां का भी हाल कुछ ऐसा ही होता है. धरती पर मौजूद सारा पानी जम जाता. हर तरफ बर्फ ही बर्फ होता और इतने कम तापमान में जीवन और इंसानों का विकास संभव नहीं हो पाता.


इसके अलावा कुछ वैज्ञानिक दावा करते हैं कि अगर पृथ्वी के पास दो सूर्य होते तो यहां हर हफ्ते एक सूर्य ग्रहण देखने को मिलता. इसके अलावा दिन और रात के तापमान में इतना अंतर होता कि इस धरती पर जीवन का पनप पाना लगभग नामुमकिन हो जाता.


एक बार संभावना भी बनी थी?


ऐसा नहीं है कि पृथ्वी के आसमान में दो सूरज की कल्पना करना हवाई महल बनाना है. दरअसल, इसमें कुछ भविष्य की संभावनाएं छुपी हैं. साल 2011 में डेली मेल पर एक रिपोर्ट छपी थी, जिसमें ये दावा किया गया था कि आने वाले भविष्य में पृथ्वी पर रहने वाले लोग दो सूर्यों को एक साथ देख सकती है.


दरअसल, इसी साल बेतेलजियूज नाम के एक तारे के बारे में पता चला था जो मरने की कगार पर था. खगोलविदों का मानना था कि इस तारे में जब मृत्यु का विस्फोट होगा तब पृथ्वी से लगभग 640 प्रकाश वर्ष दूर ऐसी स्थिति बनेगी कि कुछ हफ्तों तक पृथ्वी वासियों को लगेगा कि आसमान में दो सूरज चमक रहे हैं.


ये भी पढ़ें: आसमान में कितने तारे हैं? वैज्ञानिकों के पास अब इसका जवाब है