भारत में पैकेज्ड फूड पर जल्द ही वॉर्निंग लेबल लगा दिखेगा. इसमें खाद्य पदार्थ में नमक, शुगर और फैट की मात्रा स्पष्ट तौर पर लिखी जाएगी, जिससे खाने से पहले ग्राहक उसे पढ़ सके और फैसला कर सके कि जो खाद्य पदार्थ वह खरीद रहा है, वह स्वास्थ्य पर कितना असर डालेगा. इसको लेकर सुप्रीम कोर्ट ने केंद्र को तीन महीने के अंदर सिफारिशें लागू करने का निर्देश दिया है. अब केंद्र सरकार पैक्ड फूड पर वॉर्निंग लेबलिंग को लेकर नियम बनाएगी, जिसे सुप्रीम कोर्ट के आदेश पर लागू कर दिया जाएगा. 

दरअसल्, भारत में डिब्बाबंद खाद्य पदार्थों के सेवन से डायबिटीज, मोटापा, हार्ट डिजीज और कैंसर के मामले तेजी से बढ़ रहे हैं. हर चार में से एक भारतीय इन बीमारियों की चपेट में है, जिसको लेकर सुप्रीम कोर्ट में जनहित याचिका दायर कर पैक्ड फूड पर वॉर्निंग लेबल लगाने का निर्देश देने की मांग की गई थी. 

खरीदने से पहले पहचान सकेंगे क्वालिटी फूड

कई रिसर्च में सामने आया है कि पैकेज्ड फूड बहुत सी बीमारियों का कारण बन रहा है. कुछ रिपोर्ट्स में भारत और चीन में मिलने वाले पैकेज्ड फूड को अन्य देशों की तुलना में मिलने वाले डिब्बाबंद खाद्य पदार्थों से खराब माना गया है. ऐसे में खाद्य पदार्थों में वॉर्निंग लेबलिंग से ग्राहक उसे खरीदने से पहले उसके बारे में स्पष्ट जानकारी पैकेट पर ही पढ़ सकेंगे, जिससे उन्हें क्वालिटी फूड का चयन करने में आसानी होगी. वहीं, वॉर्निंग लेबलिंग से कंपनियों पर भी ग्राहकों को क्वालिटी फूड देने का दबाव होगा. 

बाजार पर भी पड़ सकता है असर

दुनिया के कई देशों में डिब्बाबंद खाद पदार्थों की पहचान के लिए अलग-अलग तरीके अपनाए जाते हैं. कुछ देशों में स्टार रेटिंग सिस्टम है, जहां पैकेज्ड फूड पर खाने की क्वालिटी के हिसाब से उसे रेटिंग दी जाती है. वहीं, कुछ जगह वार्निंग लेबल सिस्टम है, जिसमें उपभोक्ता को पता चलता है कि जो चीज वह खरीद रहा है, उसमें किसकी कितनी मात्रा है. कुछ साल पहले यूनिवर्सिटी ऑफ नॉर्थ कैरोलिना की एक स्टडी में सामने आया था कि हाई अलर्ट लेबल लगाने से ज्यादा कैलोरी, ज्यादा नमक और चीनी वाले उत्पादों की बिक्री कम हो गई. 

कई देशों में लागू हो चुका है वॉर्निंग लेबल सिस्टम

बढ़ती बीमारियों को देखते हुए विश्व स्वास्थ्य संगठन (WHO) ने खाद्य पदार्थों में शुगर, फैट, आयोडीन, नमक जैसे तत्वों की मात्रा फूड पैकेट पर लगाने का निर्देश दिया था. इसके बाद दुनिया के कई देश इसे लागू कर चुके हैं. इसमें मैक्सिको, चिली, दक्षिण कोरिया, कनाडा, यूएसए, न्यूजीलैंड, ऑस्ट्रेलिया जैसे देश शामिल हैं. इन देशों में डिब्बाबंद खाद्य पदार्थों पर वॉर्निंग लेबल लगाया जाता है. वहीं ऑस्ट्रेलिया व न्यूजीलैंड में स्टार रेटिंग सिस्टम लागू है, हालांकि एक्सपर्ट स्टार रेटिंग को सही नहीं मानते हैं. 

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