Waqf Amendment Bill: बीते दिन किरेन रिजिजू ने लोकसभा में वक्फ संशोधन बिल पेश किया. 12 घंटे से ज्यादा समय तक चली लंबी चर्चा के बाद आखिरकार लोकसभा से रात 2 बजे इसे पास कर दिया गया है. इसके पक्ष में 288 और विपक्ष में 232 वोट पड़े. इस बिल पर जहां सत्ता पक्ष के सांसदों ने समर्थन किया तो वहीं विपक्ष ने इस संशोधन पर कड़ा विरोध जताया है. AIMIM सांसद असदुद्दीन ओवैसी ने तो अपनी बात रखने के बाद इस बिल को ही फाड़ दिया. जिस पर इतना विरोध और नाराजगी चल रही है, क्या उस वक्फ की जमीन को बेचा जा सकता है. अगर नहीं तो उस संपत्ति का इस्तेमाल कहां पर होता है.
वक्फ का अर्थ
वक्फ का सीधा मतलब है कि अल्लाह के नाम पर दान की जाने वाली कोई संपत्ति या फिर वस्तु, जिसको सिर्फ परोपकार के उद्देश्य से दान किया जाता है. कोई भी मुसलमान अपनी चल या अचल संपत्ति को वक्फ के नाम पर दान दे सकता है. अगर एक बार कोई संपत्ति या जमीन वक्फ के नाम कर दी गई तो फिर उस पर से उस शख्स का मालिकाना हक खत्म हो जाता है और दोबारा उसे गैर वक्फ संपत्ति नहीं बनाया जा सकता है. वक्फ की संपत्तियों का रख रखाव हर राज्य में मौजूद एक वक्फ बोर्ड करता है.
क्या बेची जा सकती है वक्फ की संपत्ति?
देशभर में टोटल 32 वक्फ बोर्ड हैं, यूपी और बिहार में दो शिया वक्फ बोर्ड भी हैं. वक्फ बोर्ड को एक कानूनी इकाई माना जाता है, जो कि संपत्ति के प्रबंधन का काम देखता है. वक्फ की किसी भी संपत्ति को न तो बेचा जा सकता है और न ही इसे पट्टे पर दिया जा सकता है. इस संपत्ति को दान करने का अर्थ मुसलमानों या फिर अन्य लोगों को फायदा पहुंचाना होता है. कई बार लोग अपनी जमीन वक्फ के नाम पर करते हैं. इनका इस्तेमाल सार्वजनिक हित के लिए होता है.
कहां इस्तेमाल होती है वक्फ की संपत्ति?
अब सवाल है कि आखिर वक्फ की संपत्ति का इस्तेमाल कहां पर होता है? जैसे कि अगर किसी के पास दो घर हैं या कोई मालदार मुसलमान है तो उसने अपना एक घर या जमीन वक्फ के नाम कर दी. अब वक्फ बोर्ड इस जमीन का इस्तेमाल मस्जिद बनाने, कब्रिस्तान बनाने, अस्पताल खोलने या फिर किसी गरीब को उसमें बसाने के लिए कर सकता है. वक्फ में लोग अपनी चल-अचल कोई भी संपत्ति जसे मैदान, किताबें, खेत, लाइब्रेरी, घर इस्तेमाल की गई किसी भी चीज का दान कर सकते हैं.
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