वाहन से लंबी दूरी का सफर तय करने के लिए हमें अक्सर टोल प्लाजा से होकर गुजरना पड़ता है. यहां हर किसी वाहन को टोल टैक्स देना पड़ता है. यह दूरी और वाहन पर निर्भर करता है कि कितना टैक्स आपको देना पड़ेगा. वैसे भी टोल पर लंबी-लंबी गाड़ियों की कतारें ना लगें इसके लिए सरकार ने फास्ट-टैग सिस्टम शुरू कर दिया है. इसकी मदद से टोल को बिना रुके पार किया जा सकता है और टैक्स भी नगद के मुकाबले कम लगता है, लेकिन आपको यह पता है कि टोल टैक्स पूरी तरह फ्री भी हो सकता है. कैसे... आइए बताते हैं.  


10 सेकेंड से ज्यादा हुआ वेटिंग टाइम


ढाई साल पहले मई 2021 में नैशनल हाईवे अथॉरिटी ऑफ इंडिया (NHAI) एक नियम लाई थी, जिसका मकसद था कि टोल पर कोई भी वाहन 10 सेकेंड से ज्यादा ना रुके. अगर इससे ज्यादा वक्त लगता है तो वाहन स्वामी बिना टोल टैक्स दिए वहां से जा सकता है. नियमों के अनुसार, अगर टोल प्लाजा पर ज्यादा भीड़ है, तो भी वेटिंग टाइम किसी भी वाहन का 10 सेकेंड से ज्यादा नहीं होना चाहिए. 


100 मीटर से ज्यादा लंबी हुई कतार 


NHAI के नियम के अनुसार, टोल प्लाजा पर गाड़ियों की कतारें 100 मीटर से अधिक नहीं होनी चाहिए. अगर टोल प्लाज पर वाहनों की व्यस्तता की वजह से ऐसा है और आप 100 मीटर के दायरे के बाहर गाड़ी खड़ी करके इंतजार कर रहे हैं तो बिना टैक्स दिए जा सकते हैं. नियमों के अनुसार, इस 100 मीटर के दायरे को दर्शाने के लिए हर टोल प्लाजा पर एक पीली पट्टी अवश्य होनी चाहिए. अगर ऐसा होता है और आपको परेशानी होती है या टैक्स भरने के लिए जोर-जबरदस्ती की जाती है तो NHAI के हेल्पलाइन नंबर (1033) पर बात की जा सकती है. 


दूरी, बनावट, वाहन के आकार पर टोल टैक्स तय होता


अगर देखा जाए तो टोल प्लाजा पर टैक्स नगद देने की बजाए फास्ट टैग पर सस्ता पड़ता है. वैसे भी फास्ट टैग अब सरकार द्वारा अनिवार्य कर दिया गया है. इसका मकसद वेटिंग टाइम को कम करना और फ्यूल की बर्बादी को रोकना है. वहीं, अगर यह जानना हो कि टोल टैक्स किस तरह चार्ज किया जाता है तो यह सड़क की दूरी, बनावट, वाहनों के आकार आदि पर निर्भर करता है. वैसे, एक टोल प्लाजा से दूसरे टोल प्लाजा की दूरी 60 किलोमीटर होती है.


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