VVIP Cars In India: भारत में हर गाड़ी को चलाने के लिए उसमें नंबर प्लेट का होना जरूरी होता है. अगर आपकी गाड़ी में नंबर प्लेट नहीं है तो इसके लिए आपको चालान भरना पड़ सकता है. लेकिन देश में कुछ गाड़ियां ऐसी भी हैं, जिनको कि नंबर प्लेट और आरटीओ ऑफिस से रजिस्ट्रेशन की कोई जरूरत नहीं होती है. इन गाड़ियों पर नंबर प्लेट ही नहीं होती हैं, तो आखिर ऐसी कौन सी गाड़ियां हैं जिनको आम गाड़ियों की तुलना में इतना खास दर्जा प्राप्त होता है. 

किसकी होती हैं ये VVIP गाड़ियां

ये गाड़ियां भारत के राष्ट्रपति और राज्यपाल की होती हैं, जिनको खास दर्जा प्राप्त होता है. इनके आधिकारिक वाहनों पर सामान्य नंबर प्लेट नहीं होती है. इन गाड़ियों की नंबर प्लेट पर अशोक स्तंभ का चिन्ह बना रहता है. इन गाड़ियों की किसी नंबर प्लेट की भी जरूरत नहीं होती है, क्योंकि इस चिन्ह से ही गाड़ियों की पहचान हो जाती है. यहां तक कि राष्ट्रपति की गाड़ी को आरटीओ से रजिस्ट्रेशन भी नहीं कराना पड़ता है. इन आधिकारिक गाड़ियों का मैनेजमेंट राष्ट्रपति भवन के प्रशासन के कंट्रोल में होता है. 

कौन करता है इनकी निगरानी

राष्ट्रपति भवन के रिकॉर्ड्स में इन गाड़ियों का अपने तरीके से रजिस्ट्रेशन होता है. ऐसी गाड़ियां किसी भी हालत में परिवहन मंत्रालय के अधीन नहीं होती हैं. हालांकि टेक्निकली तो इन गाड़ियों को एक पहचान की जरूरत जरूर होती होगी, जो कि सुरक्षा और प्रोटोकॉल के लिहाज से सार्वजनिक नहीं किया जाता है. इसकी व्यवस्था राष्ट्रपति भवन के प्रोटोकॉल के तहत की जाती है. यही व्यवस्था राज्यपाल के आधिकारिक वाहनों के लिए भी लागू होती है. 

सेना की गाड़ियों में भी खास कोडिंग

इसी तरीके से सेना की गाड़ियों को भी आरटीओ द्वारा रजिस्टर नहीं किया जाता है. सार्वजनिक गाड़ियों के नंबरों की तरह सेना की गाड़ियों का नंबर सिस्टम नहीं होता है. इन गाड़ियों का रजिस्ट्रेशन और बाकी चीजें रक्षा मंत्रालय तय करता है. सेना की गाड़ियों में नंबर प्लेट की बजाए एक स्पेशल कोड होता है, जो कि नंबर्स का कॉम्बिनेशन होता है. इसके अलावा सेना की गाड़ियों में ऊपर की तरफ एक तीर (↑) का निशान होता है, जिसका यह अर्थ होता है कि ये सेना की गाड़ियां हैं.

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