Vladimir Putin Private Plane: अमेरिका के पूर्व राष्ट्रपति डोनाल्ड ट्रंप ने रूस-यूक्रेन युद्ध को समाप्त करने की कोशिश के तहत अलास्का में रूसी राष्ट्रपति व्लादिमीर पुतिन से मुलाकात की थी, लेकिन वह बैठक किसी ठोस नतीजे पर नहीं पहुंच सकी. अब एक बार फिर इन दोनों नेताओं की अगली मुलाकात हंगरी में होनी है. पुतिन अपने प्राइवेट प्लेन के जरिए हंगरी पहुंचेंगे. चलिए जानें कि पुतिन का प्राइवेट प्लेन आखिर कितना सुरक्षित है.
उड़ते किले से कम नहीं पुतिन का विमान
रूस के राष्ट्रपति व्लादिमीर पुतिन अपने फैसलों की तरह ही अपनी सुरक्षा को लेकर भी बेहद सख्त हैं. जब वे किसी विदेशी दौरे पर निकलते हैं, तो पूरा मिशन किसी गुप्त सैन्य अभियान जैसा होता है. अब पुतिन हंगरी जाने की तैयारी में हैं और एक बार फिर सुर्खियों में है उनका सुपर सिक्योर प्राइवेट जेट, जो किसी उड़ते दुर्ग से कम नहीं है.
किन तकनीकों से है लैस
पुतिन जिस विमान से यात्रा करते हैं, उसे आधिकारिक तौर पर IL-96-300PU (PU का मतलब- Presidential Unit) कहा जाता है. इसे रूस की प्रतिष्ठित कंपनी Ilyushin ने तैयार किया है और यह बोइंग 747 जितना बड़ा है. लेकिन इसकी असली खासियत इसके अंदर छिपी है. यह विमान न सिर्फ आरामदायक है बल्कि मिसाइल डिफेंस सिस्टम, सैटेलाइट कम्युनिकेशन, और इलेक्ट्रॉनिक वॉरफेयर सिस्टम जैसी अत्याधुनिक सुरक्षा तकनीकों से लैस है.
कितना सुरक्षित है विमान
रूसी सुरक्षा एजेंसियों का कहना है कि यह विमान हवा में ही युद्ध लड़ने की क्षमता रखता है. इसमें लगे सेंसर किसी भी मिसाइल के लॉन्च होते ही अलर्ट भेज देते हैं और विमान अपने-आप दिशा बदल लेता है. इसके साथ ही इसमें एंटी-हैकिंग सिग्नल सिस्टम लगाया गया है, जो किसी भी विदेशी एजेंसी को इसके संचार को ट्रैक या जाम नहीं करने देता है.
अंदर का नजारा
विमान के अंदर की बात करें तो यह किसी राजमहल से कम नहीं है. अंदर का डिजाइन रूसी राष्ट्रपति भवन क्रेमलिन की शैली में बनाया गया है. सोने की परत वाले इंटीरियर, विशेष मीटिंग रूम, प्रेस कॉन्फ्रेंस हॉल और निजी केबिन तक हर सुविधा मौजूद है. कहा जाता है कि इस विमान के अंदर एक मिनी मिलिट्री कंट्रोल रूम भी है, जिससे पुतिन दुनिया के किसी भी कोने से सेना को निर्देश दे सकते हैं.
कितनी है इस विमान की कीमत
सबसे दिलचस्प बात यह है कि जब पुतिन का विमान उड़ता है, तो उसके साथ तीन और एक जैसे दिखने वाले विमान उड़ान भरते हैं. यह सुरक्षा रणनीति दुश्मन देशों को भ्रमित करने के लिए होती है ताकि किसी को यह पता न चल सके कि असली राष्ट्रपति किस विमान में हैं. रूस ने इस विमान की कीमत और पूरी तकनीक को गुप्त रखा है, लेकिन अनुमान है कि इसकी लागत 500 मिलियन डॉलर (करीब 4200 करोड़ रुपये) से ज्यादा है. इसे रूस का Air Force One भी कहा जाता है, बिल्कुल वैसे ही जैसे अमेरिका के राष्ट्रपति का विशेष विमान है.
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