Mughal Architecture: भारत में मुगल काल ने दुनिया के कुछ सबसे शानदार स्मारक दिए हैं. इन स्मारकों में मकबरे, किले, मस्जिदें और महल शामिल हैं. लेकिन इन सभी में एक ऐसी इमारत है जो बाकी सभी से अलग है और दुनिया के साथ अजूबों में आती है. यह इमारत है ताजमहल. लेकिन क्या आप जानते हैं की ताजमहल को किसने डिजाइन किया था? आज हम इसी सवाल से पर्दा उठाएंगे. 

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किसने किया था ताजमहल को डिजाइन?

ताजमहल को डिजाइन करने के पीछे उस्ताद अहमद लाहौरी का दिमाग था. इन्होंने सिर्फ ताजमहल ही नहीं बल्कि दिल्ली के लाल किले की भी नींव रखी थी. दरअसल उस्ताद अहमद लाहौरी को मुगल वास्तुकला के सबसे महान दिमाग में से एक माना जाता है. अहमद लाहौरी मूल रूप से लाहौर (जो कि अब पाकिस्तान में है) के रहने वाले हैं. बाद में वे आगरा और फिर दिल्ली चले गए. यहां सम्राट शाहजहां की छत्रछाया में उनकी प्रतिभा और निखर कर सामने आई. लेकिन उनके मूल स्थान के प्रति के रूप में उनके नाम के साथ "लाहौरी" जोड़ा गया. 

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ताजमहल एक नायाब इमारत 

आगरा का ताजमहल उस्ताद अहमद की प्रतिभा का एक शानदार नमूना है. इसे मुमताज महल के मकबरे के रूप में बनाया गया था. आपको बता दें कि यह फारसी, तुर्की और भारतीय डिजाइनों का एक अनोखा मेल है. इसके निर्माण के लिए मजदूर कन्नौज से आए थे. इसी के साथ फूलों की नक्काशी के लिए पोखरा से लोग बुलाए गए थे. इतना ही नहीं बल्कि कश्मीर के रामलाल को बगीचों को डिजाइन करने का काम सोपा गया था. 

उस्ताद अहमद लाहौरी के बाकी चमत्कार 

सिर्फ ताजमहल ही नहीं बल्कि उस्ताद अहमद लाहौरी ने लाल किला, जामा मस्जिद, दीवान-ए-खास और दीवान-ए-आम (लाल किला) को भी डिजाइन किया है. उन्हें शाहजहां द्वारा मीर-ए-मिमार की उपाधि दी गई थी. इसका मतलब होता है मुख्य वास्तुकार. 

एक विरासत जो हमेशा रहेगी

शिल्प और वास्तुकला में उनके परिवार की परंपरा की वजह से उन्हें कलात्मक दृष्टिकोण मिला. उस्ताद अहमद लाहौरी की रचनाएं सिर्फ इमारत ही नहीं है बल्कि वें मानव कल्पना, कला और लगन का एक बड़ा नमूना हैं.

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