US Illegal Immigrants: अमेरिका में एक बार फिर डोनाल्ड ट्रंप की सरकार बनते ही कई लोगों में हड़कंप मच गया, इनमें से सबसे ज्यादा वो लोग हैं जो बिना किसी वैध दस्तावेज के अमेरिका में रह रहे हैं. ट्रंप सरकार की तरफ से ऐसे लोगों के खिलाफ सख्त कार्रवाई की जा रही है और उन्हें गिरफ्तार कर अपने देश भेजा जा रहा है. भारत के भी सैकड़ों लोग वापस भेजे गए हैं, जिन्हें पहले गिरफ्तार किया गया था. ऐसे तमाम लोग अमेरिका डंकी रूट से पहुंचते हैं, ऐसे में आज हम आपको बताएंगे कि ये रूट क्या होता है और कैसे लोग अमेरिका तक बिना किसी वैध डॉक्यूमेंट या वीजा के पहुंच जाते हैं. 

क्या होता है डंकी रूट?डंकी रूट एक ऐसा रूट होता है जो कई देशों से होकर गुजरता है. इसे लोग विदेश जाने के लिए इस्तेमाल करते हैं. पंजाब में डंकी का मतलब एक जगह से दूसरी जगह उछलकर या कूदकर पहुंच जाना होता है. यही वजह है कि भारत से विदेश पहुंचने के रूट को डंकी रूट कहा जाता है. इस रूट के जरिए लोग कनाडा, ब्रिटेन और अमेरिका जैसे देशों में दाखिल होते हैं. पहले इस रूट का इस्तेमाल खूंखार अपराधी देश छोड़कर भागने के लिए करते थे, लेकिन अब विदेश जाने का सपना देखने वाले हजारों लोग इसके जरिए अपने पसंदीदा देश में दाखिल हो रहे हैं. 

हर कदम पर खतरा डंकी रूट बिल्कुल भी सेफ नहीं होता है, इसमें हर कदम पर खतरे होते हैं और कई लोगों की मौत भी हो जाती है. ये रूट सबसे ज्यादा खतरनाक इसलिए होता है, क्योंकि इसमें कई देशों की सीमाओं को पार करना होता है. ऐसे में कई बार सीमा पर तैनात जवान अवैध तरीके से घुसपैठ करने वाले लोगों को गोली मार देते हैं. वहीं कुछ मामलों में लोग भीषण ठंड या फिर भूख से भी मर जाते हैं.

चल रहा है बड़ा रैकेटडंकी रूट से लोगों को विदेश ले जाने का एक बड़ा रैकेट चल रहा है. कई ट्रैवल एजेंसियां और एजेंट्स इस काम में लगे हुए हैं और विदेश पहुंचाने के लिए लोगों से लाखों रुपये लेते हैं. कई लोगों ने तो डंकी रूट से अमेरिका पहुंचने के लिए एक करोड़ रुपये तक खर्च कर दिए. एजेंट्स मैक्सिको या फिर कनाडा की सीमा से होते हुए लोगों को अमेरिका में दाखिल करवाते हैं. इससे पहले पाकिस्तान और बाकी देशों से होते हुए लोग अमेरिका के पास स्थित देशों तक पहुंचते हैं. 

ऐसे गुजारते हैं अपनी जिंदगीजो लोग अपनी जान दांव पर लगाकर डंकी रूट से अमेरिका या फिर किसी और देश में दाखिल हो जाते हैं, वो यहां किसी ऐसी जगह रहते हैं जहां पुलिस का आना जाना कम होता है. साथ ही ऐसी नौकरी करते हैं, जिसमें उनसे डॉक्यूमेंट नहीं मांगे जाते. ये लोग ऐसी जगहों पर जाने से भी बचते हैं, जहां पुलिस या फिर अधिकारियों की नजरें उन पर पड़ें. ऐसे लोगों को पकड़ने के लिए तमाम देशों की पुलिस रेड करती है, जिसमें कई लोग पकड़े जाते हैं. पकड़े जाने के बाद उन्हें डिटेंशन कैंप में भेज दिया जाता है और फिर डिपोर्टेशन का प्रोसेस शुरू होता है. अमेरिका में ऐसे लोगों की संख्या 1 करोड़ 10 लाख से ज्यादा बताई जाती है.

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