First Indian Banknote: भारत के बैंक नोट आजादी, पहचान और तरक्की की मजबूत कहानी बताते हैं. आजादी के बाद देश को अपने खुद के करेंसी सिंबल की जरूरत थी.  आपको बता दें कि आजाद भारत का पहला बैंक नोट 1949 में जारी किया गया था. यह आज के रंगीन, हाई सिक्योरिटी नोटों की तुलना में काफी ज्यादा सिंपल था. आइए जानते हैं कौन सा था वह नोट.

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आजाद भारत का पहला बैंक नोट 

आजाद भारत का पहला बैंक नोट ₹1 का था. इसे 30 नवंबर 1949 को जारी किया गया था. आज की करेंसी के उलट इसे भारतीय रिजर्व बैंक ने नहीं बल्कि भारत सरकार ने जारी किया था. यही वजह है कि इस नोट पर आरबीआई गवर्नर के बजाय तत्कालीन वित्त सचिव के आर के मेनन के सिग्नेचर थे. 

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शुरुआती सालों का डिजाइन और करेंसी सिस्टम 

वैसे तो 1949 के नोट में राष्ट्रीय प्रतीकों को शामिल किया गया था लेकिन इसका ओवरऑल डिजाइन अभी भी ब्रिटिश युग की करेंसी जैसा ही था. उस समय भारत आना सीरीज को फॉलो करता था. इसमें ₹1, 16 आना या 64 पैसे के बराबर होता था. यह आज के 100 पैसे के डेसिमल सिस्टम से काफी अलग था. उसे समय नोट काफी सिंपल था और इसमें आधुनिक सुरक्षा फीचर्स की काफी ज्यादा कमी थी. 

महात्मा गांधी सीरीज में बदलाव 

दशकों बाद 1996 में महात्मा गांधी सीरीज की शुरुआत के साथ एक बड़ा बदलाव आया. 2016 में महात्मा गांधी की नई सीरीज आई. आधुनिक बैंक नोटों में सामने की तरफ महात्मा गांधी की तस्वीर लगाई गई जबकि अशोक स्तंभ के प्रतीक को वाटर मार्क विंडो के पास रखा गया. 

आधुनिक नोटों में एडवांस्ड सुरक्षा फीचर 

आज के आधुनिक बैंक नोटों में नकली नोटों से निपटने के लिए कई फीचर्स ऐड किए गए हैं. इनमें रंग बदलने वाले सिक्योरिटी थ्रेड, लाइट और शेड वाले वॉटरमार्क, छिपी हुई तस्वीरें और रंग बदलने वाली स्याही शामिल है. यह फीचर्स आजादी के बाद के पहले नोटों में बिल्कुल नहीं थे.

थीम, भाषा और सांस्कृतिक पहचान 

1949 के नोट के साथ डिजाइन के ठीक उलट आधुनिक नोट भारत की उपलब्धियों को दर्शाते हैं. वे लाल किला, सांची स्तूप और कोणार्क सूर्य मंदिर जैसे सांस्कृतिक स्थलों के साथ-साथ मंगलयान जैसी वैज्ञानिक उपलब्धियों को भी दिखाते हैं. इसी के साथ आज के नोटों पर हिंदी और अंग्रेजी के साथ-साथ 15 भारतीय भाषाओं में नोट का मूल्य दिखाया जाता है.

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