Coldest Place on Earth: जब भी हम काफी ज्यादा ठंड के बारे में सोचते हैं तो हमारे दिमाग में एक ही जगह आती है वह है अंटार्कटिका. लेकिन आपको बता दें कि यह जगह भी इतनी ठंडी नहीं है. आज हम आपको बताने जा रहे हैं एक ऐसी जगह के बारे में जहां कोई पौधा, कोई जानवर और कोई स्थायी इंसानी बस्ती जिंदा ही नहीं रह सकती. यह जगह है ईस्ट अंटार्कटिक पठार. यहां की ऊंची पहाड़ी जिसे रिज ए के नाम से जाना जाता है डोम आर्गस और डोम फूजी के बीच स्थित है. आइए जानते हैं क्या है यहां की खास बात.
धरती पर सबसे ठंडी जगह
धरती पर अब तक का सबसे ठंडा प्राकृतिक तापमान किसी रिसर्च स्टेशन पर रिकॉर्ड नहीं किया गया था बल्कि ईस्ट अंटार्कटिक पठार पर सैटलाइट सेंसर द्वारा रिकॉर्ड किया गया था. यह जगह समुद्र तल से लगभग 3900 से 4093 मीटर ऊपर है. डोम आर्गस या रिज ए के नाम से पहचाने जाने वाला यह क्षेत्र काफी ज्यादा अलग-थलग है.
रिकॉर्ड तोड़ तापमान
सैटेलाइट डेटा को एनालाइज करने वाले वैज्ञानिकों ने इस बात को पाया कि सर्दियों की सही परिस्थितियों में रिज ए पर सतह का तापमान -93.2 डिग्री सेल्सियस तक गिर सकता है. साफ और शुष्क परिस्थितियों में इसे -98 डिग्री सेल्सियस तक कम होने का अनुमान लगाया गया. अब क्योंकि सैटेलाइट स्क्रीन तापमान मापते हैं इस वजह से इसे आधिकारिक रिकॉर्ड नहीं माना जाता. विश्व मौसम विज्ञान संगठन 1983 में अंटार्कटिका में ही वोस्तोक रिसर्च स्टेशन पर रिकॉर्ड किए गए -89.2 डिग्री सेल्सियस को धरती पर मापा गया सबसे ठंडा तापमान मानते हैं.
यह जगह इतनी ठंडी क्यों?
दरअसल 4000 मीटर की ऊंचाई पर हवा पतली और सूखी होती है. इसका मतलब होता है कि यह गर्मी को रोक नहीं पाती. कोई भी गर्मी तेजी से अंतरिक्ष में फैल जाती है जिस वजह से तापमान गिर जाता है. इसके अलावा ईस्ट अंटार्कटिका के अंदरूनी हिस्से में लंबे समय तक सर्दियों में कोई बादल नहीं होते. बादल के बिना जो गर्मी की सतह की तरफ वापस रिफ्लेक्ट करते हैं पृथ्वी की गर्मी बस एटमॉस्फेयर में गायब हो जाती है.
इतना ही नहीं बल्कि इस इलाके में हवा लगभग चलती ही नहीं. शांत हवा घनी, ठंडी हवा को जमने देती है और उथले गड्ढों में फंस जाती है. इस वजह से यहां पर ज्यादा ठंड हो जाती है. साथ ही अपनी बर्फीली सूरत के उलट यह इलाका पृथ्वी के सबसे सूखे रेगिस्तान में से एक है. यहां पर हर साल सिर्फ एक से तीन सेंटीमीटर बर्फबारी होती है. सूखी हवा इंसुलेशन को काम करती है और रेडिएटिव कूलिंग को और भी ज्यादा तेज करती है.
ऐसी जगह, जहां जिंदगी का कोई निशान नहीं
काफी ठंड, सूखापन, पतला एटमॉस्फेयर और 6 महीने की पूरी सर्दियों की अंधेरी रातें इस इलाके को रहने लायक नहीं बनाती. तटीय अंटार्कटिका के उलट जहां पेंगुइन, सील और शैवाल जिंदा रहते हैं पूर्वी अंटार्कटिक पठार के केंद्र में कोई भी पौधा या फिर जानवर नहीं पाया जाता.
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