Plastic Currency: राजा-महाराजाओं के दौर में मुद्रा के रूप में सिक्कों का प्रचलन था. जैसे-जैसे समय बदला वैसे-वैसे मुद्रा में बदलाव हुआ और कागज के नोट चलन में आए. आज कागज के नोट का प्रचलन दुनियाभर के देशों में होता है. किसी देश ने गत्ते के नोट बनाए तो किसी ने कागज के नोटों को अपनी करेंसी बनाया. अपने देश में भी करेंसी सिक्कों और कागज के नोट के रूप में है. लेकिन क्या आप जानते हैं कि प्लास्टिक के नोट भी होते हैं? होते ही नहीं, बल्कि कई देशों में ये चलन में भी हैं.
प्लास्टिक के नोट कैसे बेहतर हैं?
एक्सपर्ट्स का कहना है कि प्लास्टिक के नोट कागज के नोटों की तुलना में ढाई गुना ज्यादा चलते हैं. साथ ही ये नमी और गंदगी भी कम पकड़ते हैं और इनकी नकल करना भी मुश्किल होता है. फिलहाल दुनिया में कुल 23 देशों में प्लास्टिक के नोट चलते हैं, लेकिन उनमें से छह देश तो ऐसे हैं, जिन्होंने अपने सारे नोटों को प्लास्टिक के नोटों में बदल दिया है. आइए जानते हैं ये कौन-से देश हैं.
ऑस्ट्रेलिया
दुनिया में ऑस्ट्रेलिया पहला ऐसा देश है, जिसने 1988 में ही प्लास्टिक के नोटों की शुरुआत कर दी थी. इसके अलावा यह दुनिया का अकेला देश है जहां पॉलिमर नोटों का उत्पादन होता है.
न्यूजीलैंड
साल 1999 में न्यूजीलैंड ने भी अपने सभी कागज के नोटों को पोलिमर नोटों से रिप्लेस कर दिया था. यहां की करेंसी को न्यूजीलैंड डॉलर कहा जाता है, जिसका सबसे छोटा नोट पांच डॉलर का और सबसे बड़ा 100 डॉलर का होता है.
ब्रूनेई
दक्षिण पूर्व एशिया में बसे इस छोटे-से देश की गिनती दुनिया के सबसे अमीर देशों में होती है. यहां की करेंसी को ब्रूनेई डॉलर कहते हैं. फर्जी नोटों की समस्या से बचने के लिए ब्रूनेई ने भी अपने यहां प्लास्टिक के नोट शुरू किए कर दिए.
वियतनाम
वियतनाम में प्लास्टिक के नोटों की शुरुआत 2003 में हुई थी और अब वहां के सारे नोट प्लास्टिक के हैं. वियतनामी डोंग का सबसे बड़ा नोट पांच लाख का है, जो 20 अमेरिकी डॉलर के बराबर है.
रोमानिया
पॉलिमर नोटों को अपनाने वाला रोमानिया अकेला यूरोपीय देश है. यहां की मुद्रा रोमैनियन लेऊ होती है. यहां साल 2005 में ही सभी नोटों को पॉलिमर नोटों में बदल दिया गया था.
पापुआ न्यू गिनी
1949 में ऑस्ट्रेलिया से आजाद होने के बाद भी पापुआ न्यू गिनी में 1975 तक ऑस्ट्रेलियन डॉलर ही चलता रहा. लेकिन 19 अप्रैल 1975 को पापुआ न्यू गिनी में कीना के रूप में नई मुद्रा अपनाई गई और आज वहां सभी नोट प्लास्टिक के चलते हैं. बता दें कि प्रधानमंत्री नरेन्द्र मोदी पहली बार पापुआ न्यू गिनी जा रहे हैं. वहा G-7 के वार्षिक सम्मेल में हिस्सा लेने के लिए विदेशी दौरे पर हैं. पापुआ न्यू गिनी वह 22 मई को पहुंचेंगे.