No Schools Country: जब भी हम किसी देश के बारे में सोचते हैं तो स्कूल और कॉलेज बेसिक सी जरूरत लगते हैं. लेकिन दुनिया में एक ऐसा देश भी है जहां पर एक भी स्कूल या फिर कॉलेज नहीं है. यह देश है वेटिकन सिटी. जब पहली बार इसके बारे में सुनते हैं तो ऐसा लगेगा कि ऐसा हो ही नहीं सकता. लेकिन जब समझते हैं कि यह देश कैसे काम करता है तो इसके पीछे की वजह जानकर हैरानी भी होती है.

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बच्चों के बिना एक देश 

वेटिकन सिटी में स्कूल न होने की सबसे बड़ी वजह इसकी अनोखी आबादी है. इस देश की कुल आबादी सिर्फ 800 से 900 लोगों की है. साथ ही इसमें ज्यादातर कैथोलिक पादरी, नन और स्विस गार्ड के सदस्य हैं. वेटिकन सिटी के अंदर कोई भी बच्चा परमानेंटली नहीं रहता है. क्योंकि यहां रहने वाले स्टूडेंट नहीं है इसलिए इसकी सीमाओं के अंदर स्कूल या कॉलेज की कोई जरूरत ही नहीं है.

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नागरिकता जन्म के आधार पर नहीं मिलती 

दूसरे देशों के उलट वेटिकन सिटी जन्म के आधार पर नागरिकता नहीं देता है. नागरिकता सिर्फ उन लोगों को दी जाती है जो होली सी के लिए काम करते हैं. इनमें पादरी, अधिकारी और स्विस गार्ड शामिल हैं. लेकिन इनकी भी सर्विस खत्म होते ही नागरिकता भी अपने आप खत्म हो जाती है. क्योंकि परिवार यहां परमानेंटली नहीं बस्ते इस वजह से पीढ़ी दर पीढ़ी शिक्षा का कॉन्सेप्ट कभी विकसित ही नहीं हुआ.

बच्चे वेटिकन के बाहर पढ़ाई करते हैं 

कुछ मामलों में जहां स्विस गार्ड सदस्यों के बच्चे होते हैं वे बच्चे वेटिकन सिटी के अंतर पढ़ाई नहीं करते हैं. इसके बजाय वे रोज इटली के पास के रोम शहर जाते हैं. वेटिकन सिटी इस व्यवस्था को पूरी तरह से सपोर्ट करता है.  हालांकि वेटिकन सिटी में कोई प्राइमरी या सेकेंडरी स्कूल नहीं है लेकिन यह ग्लोबल हायर एजुकेशन में एक काफी बड़ी भूमिका निभाता है. वेटिकन लगभग 65 पोंटिफिकल यूनिवर्सिटी और संस्थान चलाता है. ये मुख्य रूप से रोम में स्थित हैं.

ये यूनिवर्सिटी धर्मशास्त्र, दर्शनशास्त्र, कैनन कानून और धार्मिक अध्ययन में स्पेशलाइज्ड हैं. वेटिकन सिटी दुनिया का सबसे छोटा देश है और यह सिर्फ 0.44 वर्ग किलोमीटर में फैला है. इसकी ज्यादातर जमीन चर्च, म्यूजियम, बगीचों और प्रशासनिक इमारतों से ही घिरी हुई है. अपने छोटे आकार के बावजूद इसके नाम कई वर्ल्ड रिकॉर्ड है. इस देश में सबसे छोटी रेलवे लाइन है, एकमात्र एटीएम है जो लैटिन भाषा में निर्देश देता है, और साथ ही यह एकमात्र ऐसा देश है जिसे पूरी तरह से यूनेस्को वर्ल्ड हेरिटेज साइट घोषित किया गया है.

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