Unique Countries: कल्पना कीजिए एक ऐसे देश के बारे में जो अभी भी 2017 में जी रहा है, यहां नया साल सितंबर में मनाया जाता है और कैलेंडर में 12 के बजाय 13 महीने होते हैं. आपको यह जानकार हैरानी हो रही होगी लेकिन ऐसा देश सच में मौजूद है. इथियोपिया दुनिया का एकमात्र ऐसा देश है जो प्राचीन गीज या इथियोपियाई कैलेंडर को मानता है. जहां बाकी दुनिया ग्रेगोरियन कैलेंडर का इस्तेमाल करती है वहीं इथियोपिया गर्व से अपने कैलेंडर को मानता है. यह कैलेंडर लगभग 7-8 साल पीछे है.
13 महीने का कैलेंडर
यह देश गीज कैलेंडर का पालन करता है. इसमें 13 महीने होते हैं. 30 दिन के 12 महीने और एक अतिरिक्त महीना जिसे पगुमे कहा जाता है. इसमें सामान्य वर्ष में 5 दिन और लीप वर्ष में 6 दिन होते हैं. अंतर इस बात में है कि ईसा मसीह के जन्म की गणना कैसे की गई थी. जहां बाकी ईसा मसीह का जन्म एक ईस्वी में मनाते हैं वहीं इथियोपियाई ऑर्थोडॉक्स चर्च का मानना है कि उनका जन्म सात ईसा पूर्व में हुआ था. इस गणना में भिन्नता की वजह से यहां का कैलेंडर लगभग 7 साल पीछे चला जाता है. यानी कि जब दुनिया 2025 में है तब यह देश 2017 मना रहा है.
सितंबर में मनाया जाता है नया साल
यहां पर नव वर्ष एनकुटाताश कहा आया जाता है, जिसका मतलब होता है रत्नों का उपहार. यह हर साल 11 सितंबर को मनाया जाता है और लीप वर्ष में 12 सितंबर को. इसी के साथ यहां क्रिसमस भी 25 दिसंबर की जगह 7 जनवरी को मनाया जाता है. इस दिन को गेन्ना के नाम से जाना जाता है.
इतना ही नहीं बल्कि जहां दुनिया के ज्यादातर हिस्सों में दिन की शुरुआत रात के 12:00 बजे से होती है वही इस देश में लोग अपना दिन सुबह 6:00 बजे शुरू करते हैं. उनकी घड़ी भी वैश्विक समय प्रणाली से 6 घंटे पीछे चलती है.
क्यों है यह देश खास?
इथियोपिया की खास बात इसके कैलेंडर से कहीं आगे है. यह एकमत ऐसा अफ्रीकी राष्ट्र है जिस पर कभी किसी यूरोपीय शक्ति का उपनिवेश नहीं रहा. यहां के प्राचीन चट्टान तराशे हुए चर्च और अलग-अलग संस्कृतियां इसे एक सांस्कृतिक रत्न बनाती हैं. अपना अलग कैलेंडर होने के बावजूद यह देश गीज और ग्रेगोरियन दोनों कैलेंडरों का इस्तेमाल करता है. अंतर्राष्ट्रीय व्यापार, यात्रा और ऑफिशल रिकॉर्ड्स के लिए लोग ग्रेगोरियन कैलेंडर का इस्तेमाल करते हैं लेकिन रोजमर्रा के जीवन में जैसे त्योहार, जन्मदिन और खेती में गीज कैलेंडर का इस्तेमाल किया जाता है.