बलूचिस्तान के झोब जिले में आतंकवादियों ने एक यात्री बस को रोककर उसमें सवार यात्रियों से पहले पहचान पूछी और इसके बाद नौ लोगों को गोलियों से भून डाला. सभी मृतक पाकिस्तान के पंजाब प्रांत के अलग-अलग इलाकों के थे और क्वेटा से लाहौर जा रहे थे. खबरों की मानें तो नेशनल हाईवे से गुजर रही बस को हथियारबंद हमलावरों ने रोका और नीचे उतारा. उतारने के बाद 9 लोगों को अलग करके पहचान पूछी और फिर गोली मार दी. सभी की मौके पर ही मौत हो गई. पाकिस्तान में यह कोई पहला आतंकी हमला नहीं है, वहां पहले भी हमले हो चुके हैं. चलिए जानें कि पाकिस्तान में सबसे बड़ा आतंकी हमला कब हुआ था.

कब हुआ था सबसे बड़ा आतंकी हमला

पाकिस्तान के सियासत बंदूक से चलती है, यहां पर बंदूक से सवाल किए जाते हैं और जवाब भी बंदूक के जरिए ही दिया जाता है. भारत पर आतंक की साजिश रचते हुए पाकिस्तान खुद भी आतंकवाद का शिकार होता जा रहा है. आए दिन कहीं न कहीं आतंकी वारदात होती रहती हैं. आतंक को पालने वाले पाकिस्तान में सबसे बड़ा हमला साल 2014 में 16 दिसंबर को हुआ था. इस हमले में 148 लोग मरे थे, इनमें से 132 स्कूली बच्चे थे. आतंकी संगठन तहरीक-ए-तालिबान ने इस हमले की जिम्मेदारी ली थी. इस हमले के बाद गठित एक मिलिट्री कोर्ट ने 4 आतंकियों को फांसी की सजा भी सुनाई थी. 

चीथड़े फैलने तक बरसाईं गोलियां

16 दिसंबर 2014 की सुबह थी. उस वक्त तकरीबन 10.30 बज रहे थए और पाकिस्तान सिक्योरिटी फोर्स की यूनिफॉर्म में सात तालिबानी आतंकी स्कूल के पिछले दरवाजे से आ धमके थे. सभी आतंकी ऑटोमेटिक वेपन्स से लैस सभी आतंकी सीधे स्कूल के ऑडिटोरियम की ओर बढ़े. वहां पर आतंकियों ने वहां मौजूद मासूमों पर अंधाधुंध गोलियां बरसा दी थीं. वो स्टूडेंट्स वहां पर फर्स्ट एड ट्रेनिंग के लिए इकट्ठे हुए थे. इसके बाद आतंकी एक-एक क्लासरूम में घुसकर फायरिंग करने लगे थे. इसके बाद वहां पर चारों तरफ खून ही खून था और बच्चों की लाशें बिछी हुई थीं. आतंकियों ने बच्चों पर तब तक गोलियां बरसाई थीं, जब तक उनके चीथड़े नहीं उड़ गए थे. 

बड़े बच्चों को मारने का था आदेश

इस हमले की जिम्मेदारी लेने वाले तहरीक-ए-तालिबान पाकिस्तान के प्रवक्ता मोहम्मद खुर्रासानी ने एक गोपनीय जगह पर मीडिया से बात करते हुए कहा था कि छह हमलावरों को स्कूल पर हमले का आदेश दिया गया था. आतंकियों को गोलीबारी और आत्मघाची धमाके के लिए वहां पर भेजा गया था. इसके अलावा लड़ाकों को आदेश था कि बड़े बच्चों को मार डाला जाए, लेकिन छोटे बच्चों को न मारा जाए. 

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