हर धर्म में एक धर्म गुरू होते हैं, जिनकी बात को फॉलो किया जाता है. उसी तरह हिंदू धर्म में भी शंकराचार्य को सबसे बड़ा धर्म गुरू माना जाता है. शंकराचार्य संत समाज में सबसे बड़े हैं. शंकराचार्य स्वामी अविमुक्तेश्वरानंद सरस्वती ने राहुल गांधी को हिंदू धर्म से बहिष्कृत करने का आदेश दिया है. अविमुक्तेश्वरानंद सरस्वती ने कहा कि 'राहुल गांधी ने संसद में मनुस्मृति को लेकर गलत टिप्पणी की थी, जिसके चलते सनातन धर्म को मानने वाले लोगों को ठेस पहुंची है'. उन्होंने कहा कि राहुल गांधी से इसको लेकर उनकी तरफ से स्पष्टीकरण की मांग की गई थी हालांकि, राहुल गांधी की तरफ से इसपर कोई जवाब नहीं आया. जिसके चलते राहुल गांधी को शंकराचार्य स्वामी अविमुक्तेश्वरानंद सरस्वती ने हिंदू धर्म से निष्कासित करने की घोषणा की है. 

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ऐसे में यह सवाल उठता है कि क्या कोई किसी को हिंदू धर्म से निकाल सकता है, इसे लेकर भारत में क्या कोई नियम है?, चलिए इसके बारे में विस्तार से जानते हैं.

क्या कोई किसी को हिंदू धर्म से निकाल सकता हैजानकार बताते हैं कि, शंकराचार्य की पदवी भले ही हिंदू धर्म में सबसे बड़ी हो, लेकिन उन्हें भी किसो को हिंदू धर्म से निकालने का कोई अधिकार नहीं है. एक बार जो जन्म से, कर्म या धर्म को अपनाकर हिंदू हो गया फिर वह हिंदू हो गया कोई किसी को हिंदू धर्म से निकाल नहीं सकता है. फिर चाहे वह हिंदू धर्म की बुराई करे, भगवान पर विश्वास करे न करे, वह उसकी मर्जी होती है. वह अपनी मर्जी से ही निकल सकता है. अगर वह अपनी मर्जी से धर्म छोड़कर किसी धर्म में जाना चाहता है तो जा सकता है उसे जबरदस्ती निकाला नहीं जा सकता है.

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हिंदू धर्म में किसी को निकालने की कोई औपचारिक प्रक्रिया नहीं है न ही कोई ऐसा नियम है जिसके चलते किसी को हिंदू धर्म से निष्कासित कर दिया जाएगा. हिंदू धर्म में पहले लोग, धर्म का पालन न करने वाले लोगों का बहिष्कार करते थे, लेकिन पहले भी इस तरह का कोई मामला नहीं आया है, जिसमें निष्कासन किया गया हो. 

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