क्लाइमेट चेंज इंसानों के साथ-साथ धरती पर मौजूद छोटे-छोटे कीड़े मकोड़ों को भी प्रभावित कर रहा है. आपने ध्यान दिया होगा कि कुछ वर्षों पहले तक हमें कितनी आसानी से तितलियां, कई प्रकार की मक्खियां, छोटे-छोटे सुंदर कीट पतंगे जो फूलों पर पत्तियों पर बैठा करते थे अब दिखाई नहीं देते. रात में उड़ने-चमकने वाले जुगनू भी तेजी से कम हो रहे है. यह सभी छोटे छोटे जीव बदलते जलवायु परिवर्तन की वजह से अब तेजी से विलुप्ती की कगार पर पहुंच गए हैं.


क्या कहता है रिसर्च


नेचर क्लाइमेट चेंज में प्रकाशित एक रिसर्च के अनुसार, पृथ्वी की 65% कीट पतंगों की आबादी अब विलुप्त होने के कगार पर है. इस रिसर्च में बताया गया कि यह सब कुछ तेजी से बदलते जलवायु के कारण हो रहा है. गंभीर क्लाइमेट चेंज की वजह से उष्मीय दबाव बढ़ रहा है, जिसकी वजह से इन कीट पतंगों की जनसंख्या स्थिर हो रही है और इसने इनके विलुप्त होने के जोखिम को और भी ज्यादा बढ़ा दिया है. इस रिसर्च में यहां तक कहा गया है कि आने वाले कुछ वर्षों में अगर क्लाइमेट चेंज इसी तरह होता रहा तो इनके विलुप्त होने के पूर्वानुमान और भी तेज हो जाएंगे.


तापमान की वजह से प्रभावित हो रहे हैं कीड़े


यह छोटे-छोटे कीट पतंगे पृथ्वी के बदलते तापमान की वजह से प्रभावित हो रहे हैं और यह प्रभाव उनकी जनसंख्या को भी तेजी से कम कर रहा है. इस रिसर्च में पाया गया कि अगली सदी तक ठंडे खून वाले कीड़ों की जनसंख्या में बहुत तेजी से गिरावट दर्ज की जाएगी. इसी रिसर्च में शोधकर्ताओं ने पाया कि इस पृथ्वी पर पाए जाने वाले ठंडे खून के 38 में से 25 कीड़ों की प्रजातियां विलुप्त होने की सबसे पहली लाइन में खड़ी हैं.


आने वाले 50 साल इनके लिए बेहद जोखिम भरे


इन छोटे कीट पतंगों के लिए आने वाले 50 से 100 साल बेहद जोखिम भरे हैं. दरअसल, जलवायु परिवर्तन की वजह से पृथ्वी का पारिस्थितिकी तंत्र तेजी से बदल रहा है, जिसकी वजह से इन कीट पतंगों के जींस में भी बदलाव हो रहा है. वैज्ञानिकों ने पाया कि यह बदलाव सिर्फ इन कीट पतंगों पर ही नहीं हो रहा बल्कि इंसानों, पेड़ पौधों और बड़े जानवरों पर भी इसका बदलाव साफ दिखाई दे रहा है. हालांकि, यह आकृति में बड़े हैं इसलिए यह कुछ हद तक इसे झेल पा रहे हैं. लेकिन जो कीट पतंगे बेहद छोटे हैं उनके लिए यह जलवायु परिवर्तन गंभीर समस्या का कारण बन रहा है. इस रिसर्च में कहा गया कि आने वाले 50 से 100 सालों में पृथ्वी पर मौजूद तमाम कीट पतंगों की 65 फीसद आबादी विलुप्त हो सकती है.


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