India SIR: भारतीय चुनाव आयोग द्वारा मतदाता सूचियों को सटीक, पारदर्शी और अपडेटेड बनाए रखने के लिए 12 राज्यों में विशेष गहन पुनरीक्षण अभियान चलाया जा रहा है. लेकिन क्या आपने कभी सोचा है कि यह प्रक्रिया किन संवैधानिक प्रावधानों के तहत की जाती है ? आइए जानते हैं इस सवाल का जवाब और साथ ही यह भी कि नए मतदाता नामांकन के लिए किस फॉर्म का उपयोग किया जाता है.

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विशेष गहन पुनरीक्षण के पीछे कानूनी ढांचा

इस प्रक्रिया को भारत के संविधान के अनुच्छेद 324 और जनप्रतिनिधित्व अधिनियम 1950 की धारा 21 के तहत संचालित किया जाता है. ये प्रावधान चुनाव आयोग को मतदाता सूचियों में पवित्रता और सटीकता को बनाए रखने के पूरे अधिकार देते हैं.

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संविधान का अनुच्छेद 324 

अनुच्छेद 324 देश के चुनाव आयोग को संसद, राज्य विधानसभाओं और राष्ट्रपति व उपराष्ट्रपति के पदों के लिए होने वाले चुनावों की पूरी प्रक्रिया का पर्यवेक्षक, निर्देशन और नियंत्रण करने का अधिकार देता है. इसमें मतदाता सूचियों की तैयारी, रखरखाव और संशोधन भी शामिल हैं. इससे यह पक्का होता है कि चुनाव स्वतंत्र और निष्पक्ष तरीके से पूरा हो. इसी के साथ जरूरत पड़ने पर चुनाव आयोग को विशेष संशोधन जैसे आदेश देने की अंतिम सुपरवाइजरी शक्ति दी गई है. 

जनप्रतिनिधित्व अधिनियम 1950 की धारा 21 

इसके तहत चुनाव आयोग को हर निर्वाचन क्षेत्र के लिए मतदाता सूची को तैयार करने और संशोधित करने का पूरा अधिकार है. यह आयोग को किसी भी समय उचित समझे जाने वाले कारणों से मतदाता सूची के खास संशोधन का आदेश देने की अनुमति देता है. यह तब और ज्यादा खास हो जाता है जब मतदाता डाटाबेस के व्यापक सत्यापन और अपग्रेडेशन की जरूरत हो. 

क्या होता है विशेष गहन संशोधन का उद्देश्य

इसका उद्देश्य 18 वर्ष से ज्यादा आयु के हर पात्र नागरिक को मतदाता सूची में शामिल करना होता है. इसी के साथ डुप्लीकेट, मृत या फिर स्थानांतरित मतदाताओं को हटाया जाता है. इसके लिए बूथ लेवल अधिकारी घर-घर जाकर सत्यापन करते हैं और रिकॉर्ड को अपडेट करने के लिए घरों से जानकारी इकट्ठा करते हैं। 

नए मतदाता नामांकन के लिए कौन सा फॉर्म 

जो भी लोग नए मतदाता के रूप में पंजीकरण करना चाहते हैं उनके लिए फॉर्म 6 का इस्तेमाल किया जाता है. फॉर्म 6 को आधिकारिक चुनाव आयोग पोर्टल के जरिए से जमा किया जा सकता है. इसके अलावा विशेष गहन पुनरीक्षण के दौरान बूथ लेवल अधिकारी नागरिकों से गणना प्रपत्र भी इकट्ठा करते हैं. यह मौजूदा मतदाता जानकारी को सत्यापित करने और नए नाम को जोड़ने में मदद करते हैं.

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