India SIR: भारतीय चुनाव आयोग द्वारा मतदाता सूची को सटीक, अपडेटेड और पारदर्शी बनाए रखने के लिए 12 राज्यों में विशेष गहन पुनरीक्षण अभियान शुरू किया गया है. आपको बता दें कि इस अभियान के तहत पहला चरण बिहार में पहले ही पूरा हो चुका है. आइए जानते हैं कि इस प्रक्रिया का क्या उद्देश्य है और साथ ही यह प्रक्रिया शुरू से अंत तक कैसे काम करती है.
विशेष गहन पुनरीक्षण अभियान को समझना
विशेष गहन पुनरीक्षण के तहत बिना कोई गलती की मतदाता सूची बनाई जाती है. इसमें नए पात्र मतदाताओं की पहचान करके, मृत या फिर प्रवासी व्यक्तियों के नाम को हटाकर और गलत डेटा को सही करके एक नई और शुद्ध मतदाता सूची तैयार की जाती है. इस अभियान को बड़े पैमाने पर बूथ स्तरीय अधिकारियों और निर्वाचन पंजीकरण अधिकारियों के देखरेख में चलाया जाता है.
घर घर जाकर सत्यापन
एसआईआर प्रक्रिया में पहले चरण में बूथ स्तर के अधिकारी घर-घर जाकर सत्यापन करते हैं. इसके बाद हर बूथ स्तरीय अधिकारी अपने मतदान क्षेत्र के हर घर में जाकर मौजूद मतदाता विवरणों की जांच करता है और साथ ही नई एंट्रीज दर्ज करता है. इस प्रक्रिया के दौरान वे पंजीकृत मतदाताओं की जानकारी को सत्यापित करते हैं और साथ ही 18 वर्ष की आयु पूरी कर चुके या हाल ही में उस क्षेत्र में आए लोगों की पहचान करते हैं. इसी के साथ उन सभी लोगों का विवरण इकट्ठा करते हैं जिनका निधन हो चुका है या फिर वह स्थानांतरित हो गए हैं. सटीकता को सुनिश्चित करने के लिए आधार कार्ड और मोबाइल नंबर जैसे जरूरी दस्तावेजों को भी इकट्ठा किया जाता है और निवासियों को गणना प्रपत्र बांटे जाते हैं.
ड्राफ्ट मतदाता सूची का प्रकाशन
अधिकारियों द्वारा इकट्ठा किए गए डेटा को सत्यापित और संकलन करने के बाद चुनाव आयोग एक ड्राफ्ट मतदाता सूची तैयार करता है. इन ड्राफ्ट सूची को आधिकारिक चुनाव आयोग और मुख्य निर्वाचन अधिकारी वेबसाइटों के जरिए से जनता के लिए उपलब्ध कराया जाता है. इसी के साथ इसे मतदाताओं के अवलोकन के लिए मतदान केंद्रों पर भी प्रदर्शित किया जाता है.
दावे और आपत्तियां आमंत्रित
मतदाता सूची का मसौदा जैसे ही प्रकाशित कर दिया जाता है आयोग दावों और आपत्तियों के लिए एक खास विंडो खोलता है. इस पूरे चरण के दौरान नागरिक अपने नाम छूट जाने या फिर कोई भी जानकारी गलत होने पर अनुरोध प्रस्तुत कर सकते हैं. जिनका भी नाम शामिल नहीं होता वह फॉर्म 6 के जरिए से नाम जुड़वाने के लिए आवेदन कर सकते हैं. इसी के साथ बाकी लोग व्यक्तिगत विवरण सही करने या फिर किसी गलत एंट्री पर आपत्ति करने के लिए फॉर्म 7 या फिर फॉर्म 8 को जमा कर सकते हैं. इसी के साथ यह आवेदन ऑनलाइन या फिर संबंधित निर्वाचन पंजीकरण अधिकारी के कार्यालय में व्यक्तिगत रूप से जमा किए जा सकते हैं.
दावों की समीक्षा और सत्यापन
जैसे ही आपत्तियां प्राप्त हो जाती हैं निर्वाचन पंजीकरण अधिकारी और सहायक निर्वाचन पंजीकरण अधिकारी हर मामले की सावधानी पूर्वक समीक्षा करते हैं. इसी के साथ आवेदकों या फिर आपत्तिकर्ताओं को व्यक्तिगत सुनवाई के लिए भी बुलाया जा सकता है और उपलब्ध कराए गए सभी दस्तावेजों के आधार पर फैसला लिया जाता है.
मतदाता सूची का अंतिम प्रकाशन
जब सभी आपत्तियों के समाधान और सुधार पूरे हो जाते हैं तब मतदाता सूची का अंतिम संस्करण तैयार किया जाता है. अंतिम मतदाता सूची एक तय तिथि पर आधिकारिक रूप से प्रकाशित की जाती है और वेबसाइट या फिर मतदाता केंद्रों पर प्रदर्शित की जाने वाली सूचनाओं के जरिए से राजनीतिक दलों और जनता के साथ दोबारा से साझा की जाती है.
ये भी पढ़ें: अनंत सिंह के अलावा कौन-कौन हैं बिहार के बाहुबली नेता, कहां से कौन लड़ता है चुनाव