18 दिन अंतरिक्ष में बिताने के बाद भारतीय अंतरिक्ष यात्री शुभांशुि शुक्ला अपने क्रू मेंबर्स के साथ आज धरती पर वापस आ गए हैं. अंतरिक्ष में हर एक काम करना धरती के मुकाबले काफी मुश्किल होता है. चाहे खाना पीना हो या सोना हो या फिर फोटो खींचना हो. शुभांशु शुक्ला के साथ अंतरिक्ष में यात्रा के दौरान अमेरिकी अंतरिक्ष यात्री जॉनी किम सोशल मीडिया पर अंतरिक्ष यान के भीतर से कुछ तस्वीरें साझा की हैं. अंतरिक्ष में फोटो खींचना भी काफी मुश्किल काम होता है.  ग्रैविटी का असर न होने से कैमरा कैसे हैंडल किया जाता है. इस बात का जिक्र उन्होंने अपनी पोस्ट में किया है चलिए आपको बताते हैं.  

बिना ग्रवेटी कै कैसे खींची फोटो?

स्पेस में फोटो खींचना धरती जितना आसान नहीं होता, क्योंकि वहां ग्रैविटी नहीं है. न कैमरा टिकता है और न फोटोग्राफर खड़ा रह सकता है. ऐसे में सवाल उठता है कि एस्ट्रोनॉट्स करते क्या हैं? इस बारे में शुभांशु शुक्ला के साथी एस्ट्रोनॉट जाॅनी किम ने सोशल मीडिया पर बताया कि स्पेस स्टेशन में उन्होंने दीवार पर खास ट्राइपॉड माउंट किया.

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कैमरा उसी ट्राइपॉड में फिक्स किया गया ताकि वो हिल न सके. फिर कैमरा का टाइमर सेट किया गया, जिसे टाइम-लैप्स मोड भी कह सकते हैं. इसके बाद सभी एस्ट्रोनॉट्स कैमरे के सामने पोज बनाकर खड़े हो गए. कैमरा खुद-ब-खुद फोटो क्लिक करता रहा. कभी-कभी इंटरवल सेट किया गया ताकि लगातार तस्वीरें ली जा सकें. यही तरीका वहां अपनाया जाता है.

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अंतरराष्ट्रीय अंतरिक्ष स्टेशन में जाने वाले पहले भारतीय 

भारत के अंतरिक्ष यात्री ग्रुप कैप्टन शुभांशु शुक्ला अंतरिक्ष से सफलतापूर्वक लौट आए हैं. एक्सिओम-4 मिशन के तहत शुक्ला और उनके तीन साथी अंतरिक्ष यात्री ड्रैगन ग्रेस यान से धरती पर लौटे. उनका यान  ड्रैगन ग्रेस  दक्षिणी कैलिफोर्निया के सैन डिएगो के पास समुद्र में सुरक्षित लैंड हुआ. इस ऐतिहासिक मिशन के बाद प्रधानमंत्री नरेंद्र मोदी ने भी शुभांशु शुक्ला को बधाई दी है. आपको बता दें शुभांशु शुक्ला के साथ अमेरिका, पोलैंड और हंगरी के क्रू मेंबर भी थे. शुभांशु शुक्ला अंतरराष्ट्रीय अंतरिक्ष स्टेशन तक पहुंचने वाले भारत के पहले अंतरिक्ष यात्री बने हैं. 

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