वैज्ञानिकों ने रयुगु नाम के क्षुद्रग्रह यानि एस्टेरॉयड के एक छोटे कण के अंदर एक हैरान करने वाली खोज की है. यह खोज एस्टेरॉयड और यहां तक ​​कि सौरमंडल के निर्माण के बारे में हमारी जानकारी को उलट-पलट कर सकती है. दरअसल हिरोशिमा विश्वविद्यालय की एक रिसर्च टीम को जापान के हायाबुसा 2 मिशन द्वारा लाए गए नमूनों में से एक के अंदर जेरफिशराइट नामक एक दुर्लभ खनिज मिला है. रयुगु एक बहुत पुराना कार्बन से भरपूर एस्टेरॉयड है, जिसको कि सीआई चोंद्राइट्स नामक प्राचीन उल्कापिंडों के समान माना जाता है.

कौन से मिनरल की हुई खोज

इस तरीके के उल्कापिंडों में पानी के संपर्क में आने से रिएक्शन हुआ और ये मिनरल्स में तब्दील हो गए. इनका निर्माण सौरमंडल के बाहरी ठंडे क्षेत्रों में हुआ है. वैज्ञानिकों का मानना ​​था कि रयुगु की संरचना काफी हद तक एक समान है. उन्होंने बताया कि इसका आकार अपेक्षाकृत हल्की परिस्थितियों के कारण है. इसका तापमान कभी भी 50°C से ऊपर नहीं बढ़ता है. इसीलिए जेरफिशेराइट की खोज इतनी चौंकाने वाली है. यह मिनरल आमतौर पर बहुत अधिक गर्म और केमिकली अलग परिस्थितियों में बनता है, जैसे कि आंतरिक सौर मंडल में बनने वाले उल्कापिंडों में पाए जाने वाले एनस्टेटाइट चोंड्राइट्स. 

किस तरीके से हो गई खोज

रिसर्च के प्रमुख लेखक एसोसिएट प्रोफेसर मासाकी मियाहारा ने कहा कि “यह आर्कटिक बर्फ में जमे हुए उष्णकटिबंधीय बीज को खोजने जैसा है. इसमें यह मिनरल या तो कहीं और से आया है, या फिर रयुगु में कभी ऐसा वातावरण था जो हमारी सोच से बहुत अलग था.” रिसर्च टीम ने जब इसे खोजा तो वह जेरफिशेराइट की तलाश भी नहीं कर रहे थे. वे तो एक उन्नत माइक्रोस्कोप तकनीक का उपयोग करके यह अध्ययन कर रहे थे कि पृथ्वी के वायुमंडल के संपर्क में आने से रयुगु अनाज की सतह पर क्या परिवर्तन हो सकता है. लेकिन जब उन्होंने सैंपल प्लेट में से एक से ग्रेन नंबर 15 की जांच की, तो उन्हें इस अप्रत्याशित खनिज का पता चला.

क्यों हैरान हैं वैज्ञानिक

इस खोज का मतलब दो चीजों में से एक हो सकता है, या तो जेरफिशराइट किसी अज्ञात उच्च तापमान के वक्त रयुगु पर बना था, या फिर यह सौर मंडल के किसी हिस्से से आया था और किसी तरह रयुगु के निर्माण के दौरान इसमें मिल गया. अब तक शुरुआती सबूतों की मानें तो खनिज सीधे रयुगु पर बना हो सकता है, जो संकेत देता है कि इसका अतीत वैज्ञानिकों की कल्पना से कहीं अधिक जटिल रहा होगा. ऐसा माना जाता है कि रयुगु का मूल पिंड सौरमंडल के शुरू होने के 1.8 से 2.9 मिलियन वर्ष बाद, ठंडे, बर्फीले बाहरी क्षेत्रों में बना था. लेकिन इसमें जेरफिशेराइट की उपस्थिति से पता चलता है कि कम से कम कुछ स्थानों पर तो बहुत अधिक गर्म परिस्थितियां रही होंगी. अगर ऐसा नहीं है तो फिर विभिन्न पदार्थ आपस में इस तरह से मिले होंगे, जिसे हम अभी तक पूरी तरह से समझ नहीं पाए हैं.

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