अमेरिका के राष्ट्रपति डोनाल्ड ट्रंप हर हाल में रूस और यूक्रेन के बीच चल रही जंग पर सीजफायर करवाना चाहते हैं. लेकिन रूसी राष्ट्रपति हैं कि इसके लिए तैयार ही नहीं हैं. ऐसे में ट्रंप, पुतिन से नाराज हैं और ट्रंप ने साफ तौर पर पुतिन से कह दिया है कि वे हमारी बात नहीं मानकर आग से खेल रहे हैं. लेकिन रूस भी कहां कम है, ऐसे में पुतिन ने ट्रंप को सीधा तीसरे विश्व युद्ध की धमकी दे दी है. दोनों देशों के बीच इस वक्त स्थितियां ठीक हैं. ऐसे में तीसरे विश्व युद्ध का तो खतरा मंडरा रहा है. अगर तीसरा विश्व युद्ध हुआ तो इसे कौन रोक सकता है.
कैसे रोका जा सकता है तीसरा विश्व युद्ध
वैसे तो दुनिया में युद्ध रोकने के लिए कई संगठन और देश मिलकर काम करते हैं. लेकिन संयुक्त राष्ट्र सुरक्षा परिषद और अंतरराष्ट्रीय न्यायालय जैसे अंतरराष्ट्रीय संगठन शांति बनाए रखने और विवादों को सुलझाने का काम करते हैं. ये दोंनों संस्थाएं युद्ध रोकने और युद्ध के दौरान होने वाली तबाही को कम से कम करवाने का प्रयास करती हैं. संयुक्त राष्ट्र जैसे संगठन की वजह से विभिन्न देश किसी एक देश पर हमले से दूसरे देश की रक्षा करते हैं. अंतरराष्ट्रीय न्यायालय जैसे संस्थानों के माध्यम से देशों के बीच कानूनी प्रक्रिया स्थापित की जाती है.
कैसे रुका था दूसरा विश्व युद्ध
संयुक्त राष्ट्र सुरक्षा परिषद दोनों देशों के बीच बातचीत और समझौते के जरिए तनाव कम कराने की कोशिश करता है, साथ ही युद्ध प्रभावित क्षेत्रों में मानवीय सहायता और विकास संबंधी सहायता पहुंचाता है. इसके अलावा परमाणु और अन्य विनाशकारी हथियारों के नियंत्रण के लिए भी प्रयास किए जाते हैं. दूसरे विश्व युद्ध की बात करें तो जर्मनी ने बिना शर्त आत्मसमर्पण कर दिया था और जापान पर परमाणु हमला हुआ था. इस दौरान मित्र राष्ट्र जैसे ब्रिटेन, अमेरिका और सोवियत संघ ने मिलकर जर्मनी और जापान को हरा दिया था. तब जाकर युद्ध का अंत हुआ था.
परमाणु हमला होने के बाद हुआ था समझौता
8 मई 1945 को जर्मनी ने बिना शर्त आत्मसमर्पण कर दिया था, जिससे यूरोप में युद्ध का अंत हुआ था. इससे पहले सोवियत सेनाओं ने बर्लिन पर कब्जा जमा लिया था और इसी दौरान हिटलर ने आत्महत्या कर ली थी. इसके बाद 6 अगस्त और 9 अगस्त 1945 को हिरोशिमा और नागासाकी पर अमेरिका ने परमाणु बम गिराए थे. तब जाकर जापान ने आत्मसमर्पण किया. 2 सितंबर 1945 को औपचारिक आत्मसमर्पण पर साइन किए गए थे, तब कहीं जाकर युद्ध का अंत हुआ था. इस युद्ध के बाद ही अंतरराष्ट्रीय शांति के लिए संयुक्त राष्ट्र की स्थापना की गई थी.
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