राष्ट्रीय स्वयंसेवक संघ के 100 वर्ष पूरे होने के उपलक्ष में प्रधानमंत्री नरेंद्र मोदी ने दिल्ली के डॉ. अंबेडकर अंतरराष्ट्रीय केंद्र में विशेष समारोह के दौरान एक विशेष डाक टिकट और 100 का स्मारक सिक्का जारी किया है. यह आयोजन आरएसएस के 100 वर्ष पूरे होने के तहत हुआ था. डाक टिकट और स्मारक सिक्का संघ की शिक्षा, स्वास्थ्य, सामाजिक सेवा और आपदा राहत में दी गई सेवाओं का प्रतीक माना गया है. ऐसे में चलिए आज हम आपको बताते हैं कि आरएसएस के 100 वर्ष पर जारी 100 का सिक्का सभी लोगों को मिलेगा या नहीं और इसे लेकर क्या नियम है. स्मारक सिक्का और डाक टिकट में खास बातें प्रधानमंत्री मोदी ने स्मारक सिक्के के बारे में जानकारी देते हुए आयोजन में कहा था कि सिक्के के एक तरफ राष्ट्रीय चिन्ह अंकित है, जबकि दूसरी तरफ भारत माता की भव्य छवि दिखाई गई है. इसमें स्वयंसेवक सिंह के साथ वरद् मुद्रा में खड़े हैं और समर्पण भाव से उन्हें नमन कर रहे हैं. इस सिक्के पर संघ का बोध वाक्य भी अंकित है. वहीं यह स्वतंत्र भारत के इतिहास में पहली बार हैं जब किसी भारतीय मुद्रा पर भारत माता की छवि दर्शायी गई है . वहीं विशेष डाक टिकट में आरएसएस के प्राकृतिक आपदाओं में किए गए राहत कार्य और समाज सेवा को प्रदर्शित किया गया है. इससे मातृभूमि की सेवा के लिए सदा समर्पित के संदेश के साथ जारी किया गया है. स्मारक सिक्का सो रुपये का है और शुद्ध चांदी से बना हुआ है. कैसे खरीद सकते हैं स्मारक सिक्का?
आमतौर पर इस तरह के स्मारक के सिक्के किसी विशेष अवसरों या महत्वपूर्ण घटनाओं के लिए जारी किए जाते हैं. सिक्का जारी करने के लिए पहले वित्त मंत्रालय को प्रस्ताव भेजकर अनुमोदन लिया जाता है. इसके बाद ही यह सिक्के जारी होते हैं. आमतौर पर यह बाजारों में नहीं चलते हैं. इसके अलावा अगर आप भी स्मारक सिक्का लेना चाहते हैं तो सबसे पहले आपको स्मारक सिक्का Spmcil की वेबसाइट पर जाकर खरीद सकते हैं. इसके लिए पहले आपको रजिस्ट्रेशन करना होगा, फिर बिक्री के लिए उपलब्ध सिक्कों को देखना होगा. आप जो भी सिक्का खरीदना चाहते हैं उसका ऑनलाइन पेमेंट करके आप सिक्का खरीद सकते हैं. प्रधानमंत्री ने की आरएसएस की सराहना प्रधानमंत्री नरेंद्र मोदी ने आरएसएस के 100 वर्ष पूरे होने के इस कार्यक्रम में अपने संबोधन में कहा कि आरएसएस ने स्थापना के बाद से ही समाज और अनुशासन सेवा और देशभक्ति की भावना बढ़ावा दिया है. उन्होंने याद दिलाया कि संघ को मुख्यधारा में आने से रोकने के कई प्रयास हुए. लेकिन संगठन ने हमेशा संयम और अहिंसा का मार्ग अपनाया. पीएम मोदी ने कहा कि प्राकृतिक आपदाओं में राहत और पुनर्वास कार्य शिक्षा, स्वास्थ्य, युवाओं और महिलाओं के सशक्तिकरण में महत्वपूर्ण भूमिका निभाई है. उन्होंने इस भारतीय संस्कृति और चेतना के पुनर्निर्माण का प्रतीक बताया.
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