Happy Republic Day: देश के रक्षा के लिए अतुलनीय योगदान देनेे वाले और साहस दिखाकर देश की रक्षा करने वाले जवानों को वीरता पुरस्कार से सम्मानित किया जाता है. इन शूरवीरों को सम्मानित करने के लिए 26 जनवरी 1950 को तीन वीरता पुरस्कारों के घोषणा की गई थी. जिनमें उच्च श्रेणी की वीरता के लिए परम वीर चक्र, वीर चक्र एवं महावीर चक्र दिया जाता है, लेकिन क्या आप जानते हैं कि वीरता पुरस्कार से किन जवानों का सम्मानित किया जाना है इसका सिलेक्शन कौन करता है. यदि नहीं तो चलिए जान लेते हैं.
वीरता पुरस्कार के लिए क्या होता है सेलेक्शन प्रोसेससबसेे पहलेे देश के लिए अतुलनीय योगदान देने वाले जवानों की लिस्ट रक्षा मंत्रालय भेजी जाती है. इसके बाद रक्षा मंत्रालय की कमेटी उनकेे नामों पर विचार करती है. दरअसल ये कमेटी रक्षा मंत्रालय की केंद्रीय सम्मान एवं पुरस्कार समिति होती है. जिसके बाद इस समिति के द्वारा मानकों के आधार पर एक लिस्ट तैयार की जाती है.
राष्ट्रपति की मुहर लगनेे के बाद होती है घोषणाइस लिस्ट केे तैयार होने के बाद इसेे राष्ट्रपति के पास भेजा जाता है. जहां से मुहर लगने के बाद ही इन नामों की घोषणा की जाती है. ये घोषणा गणतंत्र दिवस की पूर्व संध्या पर की जाती है. बता दें वीरता पुरस्कार साल में दो बार घोषित किए जाते हैं, पहला गणतंत्र दिवस के अवसर पर और दूसरी बार स्वतंत्रता दिवस के अवसर पर. इन पुरस्कारों का वरीयता क्रम परमवीर चक्र, अशोक चक्र, महावीर चक्र, कीर्ति चक्र, वीर चक्र और शौर्य चक्र है.
ये उच्च वीरता पुरस्कार भारत के सशस्त्र बलों, अर्द्धसैनिक बलों और पुलिस बलों को दिया जाता है. जिनमें परमवीर चक्र वीरता के लिए दिया जाने वाला सर्वोच्च पुरस्कार है. जो भारत के लिए असाधारण वीरता दिखाने वाले जवानों को मरणोपरांत भी दिया जा सकता है. आपको जानकर आश्चर्य होगा कि भारत में परमवीर चक्र का सम्मान पाने वाले तीन ही ऐसे सैनिक हैं जिन्हें जीवित रहते हुए परमवीर चक्र से सम्मानित किया गया है. वहीं इस बार 75वें गणतंत्र दिवस की पूर्व संध्या पर 12 मरणोपरांत सहित 80 सशस्त्र बलों के कर्मियों को वीरता पुरस्कार (Gallantry awards) से सम्मानित किया गया है.
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