IPL Franchise Purchase: कैसे खरीद सकते हैं IPL की कोई टीम, इसके लिए कितना पैसा होना जरूरी?
IPL Franchise Purchase: आईपीएल के नए सीजन से पहले रॉयल चैलेंजर्स बैंगलोर की बिक्री को लेकर चर्चाएं तेज हो गई हैं. आइए जानते हैं कि कैसे एक आईपीएल टीम को खरीदा जाता है और इसके लिए कितने पैसे लगते हैं.

IPL Franchise Purchase: 2026 में होने जा रहे आईपीएल की नीलामी जैसे-जैसे नजदीक आ रही है रॉयल चैलेंजर्स बैंगलोर की संभावित बिक्री को लेकर चर्चाएं तेज हो गई है. ऐसा कहा जा रहा है कि रॉयल चैलेंजर्स बैंगलोर की बिक्री प्रक्रिया शुरू हो चुकी है. इसी बीच आइए जानते हैं कि आखिर एक आईपीएल टीम को कैसे खरीदा जाता है और उसे खरीदने के लिए कितना पैसा चाहिए होता है.
कैसे खरीदी जाती है आईपीएल टीम
आईपीएल फ्रेंचाइजी का मालिक बनना उतना आसान नहीं है जितना नजर आता है. इस लीग को बीसीसीआई नियंत्रित करता है और कोई भी नई या फिर पुरानी टीम एक आधिकारिक टेंडर और बोली प्रक्रिया के जरिए से बाजार में उतरती है. जब भी बोर्ड एक नई फ्रेंचाइजी को शुरू करने या फिर किसी मौजूदा फ्रेंचाइजी के लिए खुली बोली लगाने का फैसला लेता है तो वह एक दस्तावेज जारी करता है जिसे इनविटेशन टू टेंडर कहते हैं. इच्छुक कंपनियों को यह दस्तावेज खरीदना होता है जिसमें विस्तृत नियम, शर्ते और वित्तीय जरूरतें शामिल होती हैं.
बीसीसीआई ने काफी सख्त पात्रता मानदंड निर्धारित किए हैं. ऐसा इसलिए क्योंकि सिर्फ आर्थिक रूप से मजबूत और पेशेवर रूप से सक्षम टीमें ही इस लीग में भाग ले सकती हैं. जैसे 2021 के आईपीएल में सिर्फ कम से कम 3000 करोड़ की नेटवर्क वाली कंपनियों को ही बोली लगाने की अनुमति थी. जब भी कोई कंपनी बोली जीत जाती है तो उस फ्रेंचाइजी मालिक को बैंक गारंटी जमा करनी होती है. ऐसा इसलिए ताकि यह पक्का हो सके कि उनके पास टीम को चलाने और बनाए रखने के लिए वित्तीय क्षमता है.
आईपीएल टीम खरीदने के लिए कितने पैसे चाहिए
एक आईपीएल टीम को खरीदने के लिए अरबों रुपए की जरूरत होती है. लीग के वैश्विक दर्शक और ब्रांड वैल्यू में हर साल बढ़ोतरी होती है और इसी तरह फ्रेंचाइजी की कीमतें भी ऊंचाई पर पहुंच गई है. 2021 में जब दो नई टीम शुरू की गई थी तो लखनऊ सुपर जायंट्स को 7100 करोड़ रुपए में खरीदा गया था. इसी के साथ गुजरात टाइटंस को 5625 करोड़ रुपए में खरीदा गया था. अब क्योंकि वक्त के साथ-साथ आईपीएल का मूल्यांकन लगातार बढ़ रहा है इसलिए आज अगर कोई नई फ्रेंचाइजी भी जुड़ती है तो उसकी कीमत लगभग 10 करोड़ रुपए या फिर उससे ज्यादा की होगी.
खरीद के बाद आईपीएल टीम चलाने की लागत
टीम को खरीदने के बाद ही काम खत्म नहीं हो जाता. बल्कि यह तो एक शुरुआत होती है. आईपीएल फ्रेंचाइजी को चलाने में हर सीजन में सैकड़ो करोड़ रुपए खर्च होते हैं. टीम का वेतन, संचालन व्यय और व्यावसायिक लागत का भुगतान करना होता है. इसी के साथ खिलाड़ियों के अलावा एक फ्रेंचाइजी को कोचिंग और सहयोगी स्टाफ, यात्रा और आवास, स्टेडियम संचालन और रसद और मार्केटिंग, ब्रांडिंग और प्रचार अभियान के लिए भी धन जुटाना होता है.
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